महेश्वरी साड़ी:कभी मजदूरी के लिए तरसती थीं ये महिलाएं, आज हैं करोड़ों की मालिक

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पहले सिर्फ स्थानीय मार्केट तक ही इनका माल पहुंचता था वो भी दलालों के जरिए. साड़ी के दाम भी कम मिलते थे. अब इन महिलाओं को इनकी मेहनत का बाजिव दाम मिल रहा है. शमशाद के समूह का माल अब देश के साथ यूएसए, दुबई, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया तक पहुंच रहा है.

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