नीरज कुमार/बेगूसराय. देश में खेती का ट्रेंड लगातार बदलता जा रहा है. बिहार भी इससे अछूता नहीं है. खासकर नगदी फसल की ओर किसानों का लगातार झुकाव बढ़ रहा है और बिहार में सब्जी की खेती किसानों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो रही है. कम समय में किसानों को अच्छी कमाई भी हो रही है. खेती किसानी के क्षेत्र में महिलाएं भी बेहतर कर रही हैं. इनमें से कुछ महिला किसान बंपर मुनाफा भी कमा रही हैं. इन्हीं महिलाओं में शामिल हैं बेगूसराय जिला के गढ़पुरा की रहने वाली अंजू देवी.
अंजू देवी खेती में हाथ आजमाकर अपना भविष्य सुरक्षित करने का काम कर रही हैं. अंजू देवी पिछले 10 साल से सब्जी की खेती कर रही है. हालांकि, खेती करना अंजू देवी के लिए आसान नहीं रहा है. खेती के लिए कर्ज भी लेना पड़ा. अभी चार बीघा में अलग-अलग तरह की सब्जियों की खेती कर हर सप्ताह दस हजार से अधिक मुनाफा कमा रही है.
10 साल से अंजू कर रही है सब्जी की खेती
बेगूसराय जिला मुख्यालय से 42 किमी की दूरी पर गढ़पुरा प्रखंड में बसा ग्राम पंचायत राज सोनमां के वार्ड संख्या 8 की रहने वाली राम नंदन महतो की पत्नी अंजू देवी ने हरी सब्जी को आमदनी का जरिया बनाया. उन्होंने बताया कि ससुराल जब आया था तो उस समय धान, मकई, गेहूं जैसे पारंपरिक खेती ही होती थी. अंजू ने बताया कि समस्तीपुर जिला के हसनपुर स्थित मायके में सब्जी की खेती से परिवार में खुशहाली को देखा था. लेकिन ससुराल में पारंपरिक खेती से आर्थिक स्थिति को बिगड़ते देखा. ऐसे में खुद ही परिवार में आय का स्रोत बढ़ाने के लिए हाथों में खुरपी लेकर खेतों की ओर निकल पड़े. इसके बाद पिछे मुड़कर नहीं देखा. 10 साल से सब्जी की खेती कर रहे इस किसान ने गांव के लोगों और अन्य किसानों की खेती के प्रति पुरानी सोच को बदल दिया है.
हर सप्ताह 10 हजार की कर रही कमाई
किसान अंजू ने बताया कि शुरुआत के दिनों में सब्जी की खेती में लगने वाले 50 हज़ार कर्ज भी कोई देने के लिए तैयार नहीं हुआ. जीविका से जुड़कर सब्जी की खेती के लिए कर्ज लिया. इसके बाद धीरे-धीरे सब्जी की खेती को आगे बढ़ते गया. आज चार बीघा में हरी सब्जी की खेती कर रहे हैं. एक बीघा में परवल और शेष खेतों में बैगन, गोभी, भिंडी, टमाटर जैसे हरी सब्जियों की खेती कर हर सप्ताह 10 हजार से ज्यादा की आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. वहीं परिवार की भी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : November 2, 2023, 15:18 IST