Statement Over Modi Government Women’s Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन महिला आरक्षण बिल को सदन के पटल पर रख दिया। 27 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिर संसद में मंगलवार को मोदी सरकार में विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बिल को सदन में पेश किया। इस पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियां दी हैं। कोई समर्थन तो किसी ने विरोध जताया है। यादव परिवार की दो बहू में मतभेद देखने को मिले हैं।
अर्पणा ने बताया मोदी का मास्टर स्ट्रोक
मुलायम यादव परिवार की बहू और भाजपा नेत्री अपर्णा यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आज भारत की हर महिला इस बिल के पेश होने से बहुत खुश है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरगामी सोच का प्रतीक है। हर महिला को आरक्षण की आवश्यकता भी है। फिर वह चाहे किसी भी धर्म और जाति से हो। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह लोकसभा, विधानसभा, विधान परिषद, राज्यसभा और राजनीतिक पार्टियों में भी लागू होगा। इससे समाज में महिलाओं की स्थिति बदलेगी। यह पीएम मोदी का मास्टर स्ट्रोक है। उन्होंने कहा कि मैं फिर दोहराती हूं कि मोदी है तो मुमकिन है।
डिंपल ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने बिल को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दिल्ली में महिला आरक्षण बिल पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि केंद्र की सरकार को नौ साल पूरे हो गए हैं। अगर सरकार को महिला आरक्षण बिल लाना ही था तो यह पहले ला सकते थे। इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है। हम सभी चाहते हैं कि ओबीसी महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित होना चाहिए, क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए।
सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए: अखिलेश
वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि महिला आरक्षण लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन होना चाहिए। इसमें पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक, आदिवासी (PDA) की महिलाओं का आरक्षण निश्चित प्रतिशत रूप में स्पष्ट होना चाहिए।
वे ओबीसी महिलाओं को आरक्षण नहीं देंगे: रामगोपाल
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने बिल पर कहा कि संसद में पहले भी बिल पेश किया गया था, राज्यसभा में पास भी हो गया था, अब उसे वापस लिया जाएगा। यह अब लाया गया है, यह 2029 से पहले लागू नहीं होगा। हम तो इसका समर्थन कर रहे हैं, मैं जानता हूं सदन में जो बहुमत प्राप्त लोग हैं वह एंटी-ओबीसी हैं। वो ओबीसी महिलाओं को आरक्षण नहीं देंगे।
बिल लाने में 9.5 साल क्यों लग गए?: कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि आपको यह बिल लाने में 9.5 साल क्यों लग गए? क्या यह 2014 में एक मील का पत्थर नहीं लग रहा था? आपको लग रहा है कि शायद महिला आरक्षण से चुनाव में आपको कुछ राहत मिल जाएगी। यह कांग्रेस का बिल था जो आज सदन में रखा गया। हम इसका स्वागत करते हैं। कांग्रेस पहले से चाह रही थी कि महिलाओं को सदन में आरक्षण मिले।
हमारी सरकार महिला नेतृत्व विकास की बात करती है: पटेल
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि हमारी सरकार महिला नेतृत्व विकास की बात करती है। सिर्फ महिलाओं का सशक्तिकरण हो यह हमारी सोच नहीं होनी चाहिए, लेकिन महिलाएं आगे बढ़कर कैसे नेतृत्व कर देश के विकास में कैसे भागीदार बनें यह भी जरूरी है। महिलाएं निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में पहुंचे और देश हित में जो फैसले होते हैं, कानून बनते हैं, उन चर्चाओं में योगदान दें और अपना अनुभव साझा करें।
महिला आरक्षण बिल पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इससे पहले भी जब ऐसा बिल पेश हुआ था तब हमारी पार्टी ने इसका विरोध किया था। इस बिल में सबसे बड़ी कमी ये है कि इसमें ओबीसी और मुसलमान महिलाओं के लिए कोटा नहीं रखा गया, इसलिए हम इसके खिलाफ हैं।
अभी तो यह बस पहल है: सपना
महिला आरक्षण बिल पर अभिनेत्री सपना चौधरी ने कहा कि अभी यह बस पहल है। आगे बहुत सारे बिल पास होने बाकी हैं। महिलाओं का इतना समर्थन करने के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करना चाहूंगी। महिला आरक्षण बिल पर अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि नए संसद भवन का पहला सत्र जो हुआ है वह महिला सशक्तिकरण एवं महिला उत्थान को समर्पित किया गया। प्रधानमंत्री आज किसी भी मुद्दे पर चर्चा कर सकते थे लेकिन उन्होंने महिला को प्राथमिकता देते हुए महिला सशक्तिकरण का मुद्दा उठाया।
महिलाओं को भी टिकट मिलना चाहिए: शाइस्ता अम्बर
उधर, अखिल भारतीय मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि अभी भी पुरुषवादी लोग अहम में महिलाओं को पीछे कर देते हैं। महिलाएं सिर्फ राजनीतिक पार्टी में डंडे, झंडा, कुर्सी उठाने के लिए नहीं है। महिलाओं को भी टिकट मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि फिल्म की हिरोइन, जिन्होंने कभी संघर्ष नहीं किया, उनको क्यों लोकसभा या राज्यसभा में भेजा जाता है? हमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को देखकर खुशी होती है। हमें इससे मतलब नहीं कि वे किस समाज या समुदाय से आई हैं। हमारी राष्ट्रपति महिला हैं उसी से हमें गर्व होता है।