तीर्थ पुरोहित राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भोलेनाथ का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं अभिषेक किया जाता है विशेषकर बेलपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर आदि अर्पित किया जाता है।
प्रयागराज। माघ मेला के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर शुक्रवार को शाम छह बजे तक 9.70 लाख लोगों ने यहां गंगा और पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। माघ मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि आज सुबह से स्नानार्थियों का संगम क्षेत्र में आना जारी है और शाम छह बजे तक करीब 9.70 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया। नगर के विभिन्न शिव मंदिरों में भारी संख्या में लोगों ने शिवलिंग पर माला फूल, दुग्ध आदि चढ़ाए और अभिषेक किया। उन्होंने बताया कि स्नानार्थियों की सुविधा के लिए घाटों की लंबाई 6800 फुट से बढ़ाकर 8000 फुट कर दी गई है और कुल 12 घाट बनाए गए हैं तथा सभी घाटों पर पर्याप्त संख्या में वस्त्र बदलने की सुविधा स्थापित की गई है।
तीर्थ पुरोहित राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भोलेनाथ का विभिन्न पवित्र वस्तुओं से पूजन एवं अभिषेक किया जाता है विशेषकर बेलपत्र, धतूरा, अबीर, गुलाल, बेर आदि अर्पित किया जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान भोलेनाथ अपनी बारात में उन सभी को आमंत्रित करते हैं जिनकी समाज उपेक्षा करता है। इसीलिए भोलेनाथ को पतित पावन कहा जाता है।
महाशिवरात्रि शुक्रवार को रात्रि 9:57 बजे मनाई जाएगी। पुलिस उपमहानिरीक्षक (माघ मेला) डाक्टर राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि नगर के मनकामेश्वर मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर और नागवासुकी मंदिर पर सुरक्षा के व्यापक इंतेजाम किए गए हैं और वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान सुनिश्चित किए गए हैं।
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