महाशिवरात्रि पर 350 साल बाद अद्भुत संयोग, 2 व्रतों का एक साथ मिलेगा फल, माता लक्ष्मी भी होंगी प्रसन्न

अभिषेक जायसवाल/वाराणसी: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान भोले को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्त उनकी पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. हर शिवभक्त को इस खास दिन का इंतजार रहता है. इस बार महाशिवरात्रि पर कई ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है. काशी के ज्योतिषियों का दावा है कि ग्रहों का ऐसा दुर्लभ संयोग 350 साल बाद महाशिवरात्रि पर देखा जा रहा है.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित सजंय उपाध्याय ने बताया कि 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ सिद्ध योग और चतुर्ग्रही योग भी है. यानी चार ग्रह एक साथ हैं. कुम्भ राशि पर शनि मूल त्रिकोण में बैठे हैं. इन्ही के साथ सूर्य,चंद्रमा और शुक्र भी विराजमान है. इतना ही नहीं इस दिन महाशिवरात्रि के साथ शुक्र प्रदोष व्रत भी है. ऐसे में यह अद्भुत संयोग विशेष फलदायी है. इस दिन भगवान शिव की पूजा का कई गुना फल मिलेगा. बता दें कि 8 मार्च को पूरे दिन शिव योग रहेगा.

माता लक्ष्मी की भी बरसेगी कृपा
इस दिन महाशिवरात्रि व्रत के साथ शुक्र प्रदोष का व्रत भी रखा जाएगा. ऐसे में इस दिन व्रत और पूजा के प्रभाव से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है और उनकी कृपा जातकों पर बरसती है.

शत्रुओं का होगा नाश
इतना ही नहीं इस दिन भगवान भोले की पूजा से धन धान्य की प्राप्ति होगी. इसके अलावा इस दिन रोग और जीवन के कष्ठों से मुक्ति के लिए भी भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा शत्रुओं के नाश के लिए इस दिन रुद्राभिषेक जरूर करना चाहिए. सिद्ध और शिव योग में ऐसा करना बेहद लाभप्रद माना जाता है.

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