परमजीत कुमार/देवघर. देशभर के शिवालयों में महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्तों की भीड़ उमड़ेगी. महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव की उपासना के लिए उत्तम दिवस माना जाता है. वहीं सभी ज्योतिर्लिंग में अलग-अलग तरह से महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है. कही भांग चढ़ाई जाती है तो कहीं दूध तो कहीं खीर का भोग लगा कर भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने की कोशिश की जाती है. वहीं तीर्थपुरोहित की मानें तो इस दिन तीन चीजों की प्रधानता होती है. एक व्रत, दूसरी पूजा विधि और तीसरा जागरण. इससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. तो आइए देवघर के तीर्थपुरोहित से जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के ऊपर क्या अर्पण करना चाहिए.
देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर के तीर्थपुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने लोकल 18 के संवाददाता को जानकरी देते हुए कहा कि 12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम है. यहां पर प्रकृति और पुरुष का मिलन स्थल है. देवघर में शिव और शक्ति दोनों की पुजा आराधना की जाती है. महाशिवरात्रि के दिन यहां पर देश के कोने कोने से श्रद्धालु पूजा आराधना करने के लिए पहुंचते हैं. देवघर के बैद्यनाथधाम को मनोकामना लिंग भी कहते हैं. यहां पर मांगी गयी हर मनोकामना पूर्ण होती है. महाशिवरात्रि के दिन देवघर में चार प्रहर में भगवान शिव की पूजा की जाती है. इस दिन श्रद्धालु मोर मुकुट, गठबंधन आदि चीजें अर्पण करते हैं.
महाशिवरात्रि के दिन होता है विशेष चीज का अर्पण
देवघर में शिव और शक्ति दोनों का वास है. यहां शिव से पहले शक्ति की पूजा आराधना की जाती है. महाशिवरात्रि का दिन देवघर के लोगों के लिए विशेष दिन होता है. खासकर महिलाओं के लिए. तीर्थपुरोहित बताते हैं कि माता पार्वती ने कठोर व्रत तपस्या कर भगवान भोलेनाथ को प्राप्त किया था. इसलिए देवघर में साल भर में एक बार भगवान शिव के शिवलिंग के ऊपर सिंदूर अर्पण करते हैं. विशेष कर यहां की महिलाएं सुख और सौभाग्य की कामना के लिए बाबा के दरबार में पहुंचती हैं और भोलेनाथ के ऊपर सिंदूर अर्पण करती हैं. इससे घर में धन का प्रवाह भी बढ़ता है.
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FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 14:21 IST
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