महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक मुंबई से सरकारी बैंकिंग लेनदेन कर सकेंगे, कैबिनेट बैठक में हुई कई अहम निर्णय

मुंबई को सरकारी कार्यालयों के बैंकिंग संबंधी लेनदेन और सार्वजनिक उद्यम महामंडल का निधि निवेश के लिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक, मुंबई को पात्र बनाने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की. राज्य सहकारी बैंक सहकारी क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस बैंक को सशक्त बनाने और ग्रामीण ऋण को बढ़ाने की आवश्यकता के कारण यह निर्णय लिया गया.

  

राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ 16 हजार करोड़ या उससे अधिक, इसी प्रकार निजी बैंकों को 5 वर्षों तक निरंतर लाभ, पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) 12 प्रतिशत से अधिक और रिजर्व बैंक द्वारा बैंक पर कोई वित्तीय प्रतिबंध नहीं लगाए जाने और तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई के मानदंडों को पूरा करना होगा. सरकारी कार्यालयों के बैंकिंग संबंधी लेनदेन और सार्वजनिक उद्यम महामंडल का अतिरिक्त निवेश के लिए पात्र किया जाएगा. 

राज्य सहकारी बैंक, मुंबई का नकद मूल्य 4 हजार करोड़ से अधिक है और यह लगातार 5 वर्षों से लाभदायक है. ऑडिट को लगातार 5 वर्षों तक ए श्रेणी का दर्जा प्राप्त है और पूंजी पर्याप्तता अनुपात 12 प्रतिशत से अधिक है. साथ ही, आरबीआई द्वारा बैंक पर कोई वित्तीय प्रतिबंध या तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई है. यह बैंक इस कसौटी पर खरा उतरा है.

अब समय-समय पर नकद मूल्य की न्यूनतम सीमा बढ़ाने की कार्यवाही वित्त विभाग करेगा. साथ ही, हर साल समीक्षा के बाद इस मानदंड पर संबंधित बैंकों के नाम शामिल या बाहर करके बैंकों की सूची को अद्यतन किया जाएगा.

ऊर्जा विभाग

कोराडी में ड्राई सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारीत विद्युत परियोजना को मंजूरी

नागपुर जिले के कामटी तालुका के कोराडी में 2×660 मेगावाट के कोयला आधारित सुपर क्रिटिकल टेक्नोलॉजी पावर प्लांट को मंजूरी देने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की.

महानिर्मिती कंपनी के पुराने बंद हो चुके 1250 मेगावाट क्षमता के सेट को बदलकर 1320 मेगावाट की यह परियोजना  स्थापित की जाएगी. इसके लिए 10 हजार 625 करोड़ रुपये के खर्च को भी मंजूरी दी गई. इस राशि का 80 प्रतिशत यानी 8 हजार 500 करोड़ रुपये विभिन्न बैंकों और संस्थानों से महानिर्मिती को उपलब्ध करवाया जाएगा. साथ ही 20 प्रतिशत यानि 2 हजार 125 करोड़ रुपए अगले 5 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से शेयर पूंजी के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे. राज्य में तेजी से हो रहे औद्योगीकरण और बुनियादी ढांचे के कारण बिजली की मांग में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया हैय

 

सामाजिक न्याय विभाग

महाप्रित ठाणे में ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट स्थापित करेंगे

महाप्रित के माध्यम से ठाणे में ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं को लागू करने और बड़े पैमाने पर किफायती घर बनाने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया.  बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की.

महात्मा फुले पिछड़ा वर्ग विकास महामंडल को अधिक कुशल बनाने और नई योजनाओं को लागू करने के लिए एक सहयोगी कंपनी महात्मा फुले रिन्यूएबल एनर्जी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी लिमिटेड – महाप्रित की स्थापना की गई थी. इस कंपनी के माध्यम से विभिन्न सरकारी कार्य जैसे.  किफायती आवास और शहरी नियोजन, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि मूल्य श्रृंखला, बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकी क्षेत्रों को 10 जुलाई, 2023 को मंजूरी दी गई है. इसके नुसार, ठाणे शहर में टेकडी बंगला, हजूरी और किसान नगर में एकीकृत विकास नियंत्रण विनियम के तहत समूह विकास परियोजनाओं को लागू करने के लिए ठाणे नगर निगम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए महात्मा फुले पिछड़ा वर्ग निगमों से जमा राशि पर प्राप्त ब्याज की राशि से 3 वर्षों के भीतर ब्याज सहित 25 करोड़ की पुनर्भुगतान के आधार पर परियोजना को मंजूरी दी गई थी.

वस्त्रोद्योग विभाग

राज्य में सूत मिलें सुचारू रूप से चलेंगी

राज्य में सूत मिलों को सुचारू रूप से चलाने के लिए ऋण पर ब्याज का भुगतान सरकार द्वारा अगले पांच वर्षों तक जारी रखने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया.  बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की.

सहकारी सूत मिलों के लिए वित्तीय संस्थानों और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम से लिए गए ऋण पर 3 हजार रुपये प्रति  चाती की दर से ब्याज देने की योजना 11 जनवरी 2017 को लागू की गई थी. कुछ आवश्यक संशोधन कर इस योजना को अगले पाँच वर्षों तक जारी रखने का निर्णय लिया गया.

सरकारी निर्णय जारी होने से अगले एक वर्ष तक वे सहकारी मिलें जो 5 वर्ष की मध्यम अवधि का नया ऋण लेती हैं, वे इस योजना के लिए पात्र होंगी.  इस योजना का लाभ उठाने के लिए सहकारी सूत मिलों को वित्तीय संस्थान, निगम से 5 वर्ष का मध्यम अवधि का ऋण लेना होगा. इस योजना का लाभ केवल उन सहकारी धागा मिलों को मिलेगा जिन्होंने इस निर्णय के बाद अगले एक वर्ष के लिए ऋण उठाया है.

 यह ऋण केवल घटती शेष पद्धति के अनुसार 5 वर्ष की अवधि के लिए लिया गया निश्चित ऋण प्रकार होना चाहिए. अन्य प्रकार के ऋण जैसे – कैश क्रेडिट, गुड्स प्लेज कैश क्रेडिट, बुलेट रीपेमेंट टाइप लोन (ऋण अवधि के बाद एकमुश्त ऋण मूल राशि का पुनर्भुगतान), पुनर्गठन ऋण, आदि. वस्तुगत ऋण के साथ-साथ मासिक चक्रवृद्धि आधार पर दिए गए ऋण इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे. 11 जनवरी 2017 के सरकारी निर्णय के अनुसार, 29 सहकारी मिलें जो वर्तमान में इस योजना का लाभ उठा रही हैं, यदि वे इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो उन्हें पहले लिया गया पूरा ऋण चुकाना होगा और ब्याज सहित संपूर्ण मूल राशि के पुनर्भुगतान के संबंध में बैंक प्रमाण पत्र जमा करें. तभी ये मिलें संशोधित योजना के लिए पात्र होंगी.

केवल वे सहकारी मिलें जो उनके निदेशक मंडल द्वारा संचालित की जा रही हैं, इस योजना के लिए पात्र होंगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित मिल के अध्यक्ष को शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा कि कताई मिल निदेशक मंडल द्वारा संचालित की जा रही है. 

पशुपालन विभाग

अहमदनगर जिले में नया पशूवैद्यक स्तानक महाविद्यालय 

अहमदनगर जिले में एक नया पशुवैद्यक डिग्री कॉलेज शुरू करने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की.

वर्तमान में देश में 50 प्रतिशत पशु चिकित्सकों की कमी है और वर्ष 2035 तक 1 लाख 25 हजार पशु चिकित्सकों की आवश्यकता होगी. राज्य को पशु चिकित्सा छात्रों की संख्या दोगुनी करने की जरूरत है. वर्तमान में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश क्षमता क्रमशः 405 और 240 है. राज्य को लगभग 6 हजार 600 पशु चिकित्सा स्नातकों की आवश्यकता है. वर्तमान में राज्य पशुपालन विभाग में 2 हजार 500 पशुधन विकास अधिकारी हैं और पशुधन की संख्या 3 करोड़ 33 लाख 79 हजार 118 है.

अहमदनगर जिले के राहता तालुका के शिर्डी के सावली विहिर खुर्द में लगभग 75 एकड़ भूमि पर यह महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा. इसके लिए कुल 234 नियमित पद और 42 गैर-शैक्षणिक पद बाह्य स्रोतों से भरने की मंजूरी दी गई. इस पर कुल लागत 107 करोड़ 19 लाख रुपये आयेगी. साथ ही उपकरण, मशीनरी, भवन आदि पर 346 करोड़ 13 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे.

 

कानून और न्याय विभाग

राज्य में चार चैरिटी सह आयुक्त पद सृजित होंगे

राज्य में चार चैरिटी कमिश्नर पद सृजित करने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की.

चैरिटी संगठन के नासिक, पुणे, नागपुर और नांदेड़ कार्यालयों में 4 चैरिटी संयुक्त आयुक्तों और 4 स्टेनोग्राफर (वरिष्ठ ग्रेड) के कुल 8 नियमित पद बनाने और 4 जनशक्ति (बहुउद्देश्यीय समूह-डी कुशल) प्रदान करने के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से स्टाफ) सेवाएं आएंगी वर्तमान में छत्रपति संभाजीनगर में 740, नासिक में 779, पुणे में 2394 और नागपुर में 1029 मामले लंबित हैं। इसलिए इन 4 स्थानों पर ये पद सृजित करने का निर्णय लिया गया.

कामगार विभाग

इमारत एवं बांधकाम लाभार्थी कामगारों के लिए नियमों में संशोधन करेंगे

महाराष्ट्र भवन एवं अन्य बांधकाम कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा लागू योजना में संशोधन कर मजदूरों को तेजी से लाभ दिलाने का निर्णय आज हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की.

इस बोर्ड के माध्यम से लाभार्थियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं हैं. हालाँकि, इनके नियम, शर्तें, मानदंड और वित्तीय पहलू तय नहीं होने के कारण इनके क्रियान्वयन में दिक्कतें आ रही थीं. इन कठिनाइयों को दूर करने के लिए सुधार आवश्यक थे. महाराष्ट्र भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) नियम, 2007 के नियम 45 में यह भी प्रावधान है कि यदि किसी लाभार्थी ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा लागू योजना का लाभ उठाया है, तो उक्त लाभार्थी श्रमिक अब बोर्ड द्वारा उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा ताकि उसे दोबारा उसी योजना का लाभ न मिल सके.

सामाजिक न्याय विभाग

बार्टी, सारथी, महाज्योती, अमृत आदि संस्थाओं के कार्यक्रमों में समानता लायेंगे, अधिछात्रवृत्ति, विदेशी छात्रवृत्ति संख्या निश्चित

आज हुई कैबिनेट बैठक में बार्टी, सारथी, महाज्योती, अमृत के कार्यक्रमों और योजनाओं में एकरूपता लाने और एक व्यापक नीति तैयार करने के लिए एक स्थायी समिति बनाने का निर्णय लिया गया.  बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की. आज की बैठक में अतिरिक्त छात्रवृत्ति, विदेशी छात्रवृत्ति की योजनाओं के लिए लाभार्थियों की संख्या को मंजूरी दी गई.

राज्य में आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरटीआई) डाॅ. बाबासाहेब आंम्बेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (BARTI), छत्रपति शाहू महाराज अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (सारथी), महात्मा ज्योतिबा फुले अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति), महाराष्ट्र अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रबोधिनी (अमृत) विभिन्न वर्गों के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक उद्देश्यों के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक कार्यक्रम क्रियान्वित किये जाते हैं. इसी प्रकार, अतिरिक्त छात्रवृत्ति, छात्रों के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी, पुलिस और सेना भर्ती प्रशिक्षण, कौशल विकास, छात्रावासों और छात्रावासों में प्रवेश न पाने वाले छात्रों को दिया जाने वाला जीवन निर्वाह भत्ता, स्वधार, स्वयं जैसी विभिन्न योजनाएँ लागू की जाती हैं. कैबिनेट को इस संबंध में एक व्यापक नीति लाने का निर्देश दिया गया. इसके नुसार, अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति को स्थायी मान्यता दी गई. 

अब प्रत्येक संस्था अपनी वार्षिक कार्ययोजना तैयार कर मान्यता के लिए वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष रखेगी.

अधिछात्रवृत्ति- छात्रवृत्ति योजना को क्रियान्वित करने हेतु उपरोक्त स्वायत्त संस्थानों में विद्यार्थियों की संख्या निम्नानुसार निर्धारित की जाती है. बार्टी- 200 छात्र, सारथी- 200 छात्र, टीआरटीआई- 100 छात्र, महाज्योति- 200 छात्र

मानदंड- इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए. लाभार्थी के परिवार की वार्षिक आय रु. 8.00 लाख तक सीमित होना चाहिए. आरक्षण नीति के मुताबिक महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत, दिव्यांगों के लिए 5 प्रतिशत और अनाथों के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण होगा. अधिछात्रवृत्ती योजना के तहत राज्य विश्वविद्यालयों, भारतीय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (एनएसएफडीसी) और अन्य समान संगठनों के माध्यम से भी छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. अत: जिन विद्यार्थियों को इस योजना के अंतर्गत लाभ मिल रहा है, उन्हें बार्टी, सारथी, टीआरटीआई, महाज्योति अधिचत्रवृत्ति योजना के अंतर्गत शामिल नहीं किया जाना चाहिए. अथवा उन्हें उपरोक्त विकल्पों में से केवल एक ही विकल्प दिया जाना चाहिए. योजना का लाभ पाने के लिए, छात्रों को कम से कम “बी+” रेटिंग वाले सरकारी विश्वविद्यालय/ “ए” रेटिंग वाले निजी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेना होगा.

स्पर्धा परीक्षा प्रशिक्षण – यूपीएससी के लिए – सभी संस्थानों को उच्च और तकनीकी शिक्षा विभागों द्वारा सूचीबद्ध दिल्ली में प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए. एमपीएससी, आईबीपीएस बैंकिंग, पुलिस और सैन्य भर्ती पूर्व प्रशिक्षण और इसी तरह के प्रतिस्पर्धी परीक्षा कार्यक्रमों- प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए चयन मानदंड को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए. प्रतियोगी परीक्षा कोचिंग का लाभ उठाने वाले छात्रों के लिए मानदंड को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए.

विदेशी छात्रवृत्ति- सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग- 75 छात्र, अन्य पिछड़ा एवं बहुजन कल्याण विभाग- 75 छात्र, आदिवासी विकास विभाग- 40 छात्र, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग- 20 छात्र, योजना विभाग- 75 छात्र, अल्पसंख्यक विभाग- मौलाना आजाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम – 25 छात्र, अल्पसंख्यक विभाग – 27 छात्र. विदेशी स्कॉलरशिप के लिए मानदंड भी तय कर दिए गए हैं. इसमें विद्यार्थी के परिवार की वार्षिक आय 8.00 लाख रूपये तक सीमित होनी चाहिए. वे विश्वविद्यालय जो QS World Ranking  के अनुसार 200 के भीतर रैंक किए गए हैं. इस योजना का लाभ केवल उस विश्वविद्यालय में प्रवेशित छात्रों को ही दिया जाना चाहिए. इस तरह इसके मानदंड हैं.

   

स्वाधार/स्वयं/निर्वाह भत्ता संभागवार समान योजना-छात्रों को वार्षिक व्यय के लिए छात्रावासों में प्रवेश नहीं दिया गया है, जो निम्नानुसार सीधे छात्रों के आधार से जुड़े बैंक खाते में वितरित किया जाना चाहिए. मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, नवी मुंबई, ठाणे, पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और नागपुर में पढ़ने वाले छात्रों के लिए स्वीकार्य राशि – रु. 60,000/- प्रति वर्ष. अन्य राजस्व संभागीय शहरों एवं शेष “सी” श्रेणी के नगरपालिका क्षेत्रों में अध्ययनरत छात्रों के लिए स्वीकार्य राशि – रु. 51,000/- प्रति वर्ष. अन्य जिला स्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के लिए अनुमन्य राशि- रु. 43,000/- प्रति वर्ष. तालुका क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए स्वीकार्य राशि- रु. 38,000/- प्रति वर्ष. उन छात्रों को स्वयं, स्वाधार/निर्वाह भत्ता का लाभ प्रदान करने के लिए एक अलग पोर्टल विकसित किया जाना चाहिए जिनके पास छात्रावास तक पहुंच नहीं है. छात्रावास में प्रवेश और स्वयं स्वाधार के लाभार्थियों के लिए पात्रता मानदंड को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए.

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