कुंदन कुमार/गया. गया के बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में 11 दिन तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय त्रिपिटक विश्व शांति पूजा का आयोजन किया गया है. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कार्यक्रम उद्घाटन किया. राज्यपाल का स्वागत जिला पदाधिकारी गया डॉ. त्यागराजन एसएम के द्वारा किया गया. महाबोधि मंदिर के गर्वगृह में पूजा अर्चना करने के बाद बोधिवृक्ष के नीचे में कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल और अन्य अतिथियों ने किया गया. वहीं, विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षुओं ने अपनी परंपरा के अनुसार मंत्र उच्चारण किया. त्रिपिटक चांटिंग 3 दिसंबर से शुरू होकर 12 दिसंबर तक चलेगी.
लगभग 10 देशों के बौद्ध धर्म गुरु और बौद्ध श्रद्धालुओं के द्वारा शांति मार्च निकाला गया. 80 फीट बुद्ध प्रतिमा स्थल से पद यात्रा विश्व शांति के लिए निकाला गया और कालचक्र मैदान में पद यात्रा का समापन किया गया. विभिन्न देशों से आए बौद्ध श्रद्धालु ने त्रिपिटक ग्रंथ को अपने माथे से लगाया और भगवान बुद्ध के शरण में रखकर सूत पाठ अपने-अपने भाषाओं में करेंगे. साथ ही लम्बी पंचशील झण्डा भी भारतीय बौद्ध भिक्षुओं ने निकाला. 11 दिवसीय त्रिपिटक चांटिंग समारोह में कंबोडिया, बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, लाओस, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएस, वियतनाम के साथ ही इंटरनेशनल बुद्धिस्ट काउंसिल से जुड़े भिक्षु और श्रद्धालु शामिल होंगे.
ज्ञान, शांति, अमन का पैगाम देने वाली भूमि
राज्यपाल द्वारा अपने संबोधन में कहा की ज्ञान की भूमि बोधगया, ज्ञान, शांति, अमन का पैगाम देने वाली भूमि है. भगवान बुद्ध द्वारा दिए गए विभिन्न उपदेश आज विश्व के लोक यदि पालन करें तो मन की शांति प्राप्त हो सकती है. भगवान बुद्ध को किसी बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. आज पूरा विश्व में सबसे तेजी से प्रसार होने वाला धर्म बौद्ध धर्म है. कंबोडिया के रॉयल दूत ने राज्यपाल को खादा, स्मृति चिन्ह इत्यादि भेंट कर उनका धन्यवाद किया.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2023, 18:17 IST