सिमडेगाः आज देश भर में धूमधाम से शिवरात्रि मनाई जा रही है. भोलेनाथ के भक्तों की लंबी कतार शिवालयों के सामने लगी हुई है. आज हर तरफ शिव भक्ति की बयार बह रही है. शिवरात्रि पर हम आपको एक अनोखे शिवधाम के बारे में बता रहे हैं, जो घने जंगलों के बीच में स्थित है. झारखंड के सिमडेगा जिले के घनघोर जंगलों के बीच महादेव का एक गुप्तधाम है, जहां प्राकृतिक रूप से विशालकाय महादेव विराजमान हैं.
सिमडेगा के घनघोर जंगलों के बीच विराजमान हैं देवों के देव महादेव. भगवान भोलेनाथ माता सती संग यहां डेरा डाले हुए हैं. सिमडेगा के भेलवाडीह जंगल में सैकड़ों फीट ऊंचे लिखाटोंगरी पहाड़ी पर है महादेव का गुप्त धाम है. यहां प्रकृतिक चट्टानों में विशालकाय शिवलिंग और अरधा स्थित है, जो मानव-निर्मित नहीं पूर्ण रूप से प्रकृतिक है. यहां के वनवासियों के अनुसार ये शिवलिंग उनके पूर्वजों के जमाने से है, जो समय के साथ बढता जा रहा है. यहां पहाड़ी पर कई छोटे-छोटे शिवलिंग आकार की चट्टानें भी उभरी हुई हैं, जो यहां शिवधाम का अभास कराती हैं.
यहां एक चट्टान पर माता सती का कामख्या रूप भी विराजमान है. साथ ही एक गुफानुमा चट्टान पर तीन पिंड स्थित हैं, जहां सुहागिन औरतें माता की पूजन करती हैं. यहां चट्टानों पर प्राचीन भाषा में कुछ बातें भी लिखी हैं, जो यहां कभी आबादी और इसके प्राचीनता का आभास कराती हैं. इस धाम से आसपास के ग्रामीणों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है. लोगों का कहना है कि यहां पूजा करने से बारिश होती है.

विशालकाय महादेव और माता सती का कामख्या रूप इस पुरे पहाड़ी को देवस्थान बनाती है. जो लोगों की आस्था के साथ पौराणिकता का केंद्र है. यहां पुरातत्व की खोज हो तो हो सकता है यहां के इतिहास से किसी संस्कृति का राज खुले.
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FIRST PUBLISHED : March 8, 2024, 07:38 IST