शुभम मरमट/उज्जैन. प्राचीन भारतीय मार्शल आर्ट के रूप में मशहूर मलखंभ प्रतियोगिता इन दिनों उज्जैन में हो रही है. महाकाल की नगरी में इस प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए देश के 14 राज्यों के 300 से ज्यादा खिलाड़ी आए हैं. पांच दिवसीय 67वीं राष्ट्रीय शालेय मलखंभ प्रतियोगिता के मुकाबले देखने बड़ी संख्या में स्थानीय लोग पहुंच रहे हैं. जिला प्रशासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रतियोगिता भारत माता मंदिर के पास स्थित सरस्वती शिशु मंदिर महाकालपुरम् में हो रही है.
प्रतियोगिता की शुरुआत 14 राज्यों के 300 प्रतिभागी खिलाड़ियों एवं उनके मैनेजरों के मार्च पास्ट से हुई. इस मौके पर प्रतिभा संगीत कला संस्थान एवं शासकीय मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने नृत्यमयी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी.
प्राचीन भारतीय खेलों को आगे बढ़ाने का प्रयास
इस मौके पर अतिथियों ने विभिन्न राज्यों के खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राचीन भारतीय खेलों को बढ़ावा देने से नई प्रतिभाएं सामने आएंगी. कार्यक्रम के आयोजकों ने बाद में जानकारी दी कि इस प्रतियोगिता में बालक एवं बालिका वर्ग के 14, 17 एवं 19 आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. अभी मलखंभ के प्रारंभिक मुकाबले हो रहे हैं, जिसे देखने उज्जैन के खेल प्रेमी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
मलखंब क्या है
मलखंब एक सीधे खड़े खंभे पर किया गया हवाई योग या विदेशी खेल जिमनास्टिक का ही एक रूप है. इतिहास के पन्नों को पलटें तो पता चलेगा कि मलखंब प्राचीन मार्शल आर्ट का एक रूप है. इसकी ट्रेनिंग पहलवानों और प्राचीन युग के योद्धाओं को दी जाती थी. योग सीखने वाले विद्यार्थी या शोधार्थी भी मलखंब का खेल खेलते हुए देखे जा सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 15:05 IST