शुभम मरमट/उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी देश ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध है. महाकालेश्वर मंदिर में बड़े धूमधाम से हर पर्व को मनाया जाता है. यहां महाशिवरात्रि ही नहीं, बल्कि शिव नवरात्रि भी मनती है, जिसमें नौ दिनों तक भगवान महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देते हैं. महाशिवरात्रि के बाद साल मे एक दिन भगवान महाकालेश्वर भक्तों को पंच मुखौटे स्वरूप में दर्शन देते हैं, जो श्रद्धालु शिव नवरात्रि मे महाकाल मंदिर नहीं पहुंच पाते, वो महाकाल के पंच मुखौटे स्वरूप का दर्शन कर सकते हैं.
पंच मुखौटे से होता है विशेष श्रृंगार
महाशिवरात्रि के बाद बाबा महाकाल का पंच मुखौटे में विशेष श्रृंगार किया जाता है. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल के दर्शन करते हैं. महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व शिव नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है और भस्म रमाने वाले बाबा महाकाल को दूल्हा बनाया जाता है. रोज 9 दिन तक अलग-अलग रूपों में बाबा महाकाल का श्रृंगार किया जाता है, ऐसे में बाबा महाकाल के 9 रूप के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है.
मिलेगा शिव नवरात्रि का आशीर्वाद
मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने Local 18 को बताया कि मान्यता है कि इन 9 दिनों तक महाकाल के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. महाशिवरात्रि के बाद महाकाल का पंच मुखौटे में श्रृंगार किया जाता है. मान्यता है कि ऐसे लोग जो शिव नवरात्रि में दर्शन नहीं कर पाए और अगर बाबा महाकाल के पंच मुखौटे के दर्शन कर लेते हैं तो उन्हें शिव नवरात्रि के सभी दर्शनों का फल मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 14:41 IST