मो. सरफराज आलम/सहरसा. कोसी का इलाका एक बार फिर से मछली पालन का हब बनने लगा है. जहां अधिक संख्या में लोग मछली पालन को अपना कैरियर बना रहे हैं.जिले के बनगांव के रहने वाले रौशनझा पहले दिल्ली में एक मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े ओहदे पर काम करते थे. लेकिन अब गांव में40 एकड़ में मछली पालन के साथ-साथ बतख पालन कर रहे हैं. एक एकड़ से उन्हें लगभग एक लाख का मुनाफा हो रहा है. जबकि इस काम में उन्होंने 40 लोगों को रोजगार भी दे रखा है.
पहले करते थे मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी
रौशन बताते हैं कि वे दिल्ली में एक बड़े मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पोस्ट पर काम करते थे. अच्छी खासी उनकी सैलरी भी थी. लेकिन उनके मन में मछली पालन करने का प्लान बन रहा था. उनके पिता पहले खेती-बाड़ी और मछली पालन का भी काम करते थे. इस कारण से रौशन ने भी मछली पालन शुरू किया.शुरुआती दौर में उन्हें काफी परेशानी हुई, लेकिन जैसे-जैसे वह मछली पालन का गुर सीखते गए,कारोबार भी बढ़ता चला गया. आज इस इलाके में वे बड़े मछली पालक में गिने जाते हैं.
रौशन यह भी बताते हैं कि वह अपने फार्म पर मछली पालन के अलावा बतख पालन भी कर रहे हैं. इसके साथ-साथ गाय पालन भी कर रहे हैं. उनके फार्म से तैयार रोहू और कतला के साथ-साथ अन्य कई प्रजाति की मछलियां तैयार होती है, जो सहरसा जिले के अलावा आसपास के कई जिलों में सप्लाई की जाती है. साथ ही उनका यह अभी कहना है कि अगर कोसी इलाके की मछली बाहर सप्लाई हो तो यहां के मत्स्यपालकों को और भी फायदा होगा. लोग और अधिक तादात में मछली पालन करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : September 07, 2023, 23:48 IST