मलेरिया के मच्‍छर बन जाएंगे नपुंसक, वैज्ञानिकों ने ‘ढूंढ़ निकाला’ रामबाण इलाज

नई दिल्‍ली. मलेरिया को दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक माना जाता है. इसके चलते हर साल दुनिया भर में हजारों की संख्‍या में लोग अपनी जान गंवा देते हैं. वैज्ञानिक इस बीमारी का इलाज ढूंढने की दिशा में बेहद तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस बीमारी से निजात पाने के लिए शोधकर्ता मलेरिया के मच्‍छरों को नपुंसक बनाने की तैयारी कर रहे हैं. एक अफ्रीकी वैज्ञानिक ‘जीन संपादित तकनीक’ पर काम कर रहे हैं, जो महाद्वीप से मलेरिया या मलेरिया पैदा करने वाले मच्छरों का संभावित सफाया कर सकती है.

शोधकर्ता अब्दुलाये डायबेट अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के रहने वाले हैं. उनके शोध के लिए विज्ञान और नवाचार प्रबंधन के लिए 2023 फॉलिंग वॉल्स पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, एक अभिनव तकनीक विकसित कर रहे हैं, जो मलेरिया पैदा करने वाले मादा मच्छरों को उनके जीन में परिवर्तन करके मिटा सकती है. रिपोर्ट में कहा गया कि मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से फैलता है. जब नर मच्छर काटते हैं तो उससे कुछ नहीं होता क्‍योंकि वो मलेरिया फैलाने में असमर्थ होते हैं.

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जीन ड्राइव से बीमारी फैलाने वाली मादा मच्छर प्रजातियों को नए मादा संतान पैदा करने से रोका जा सकता है. ऐसा जीन-संपादित नरों के जरिए होगा जो कि नपुसंक होंगे. डायबेट का कहना है कि ऐसा करने से मादा मच्छरों की आबादी कम हो जाएगी और मलेरिया का फैलना रुक जाएगा.

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अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में बुर्किना फासो में मलेरिया से लगभग 19,000 लोगों की जान चली गई थी. डायबेट ने सीएनएन से कहा, ‘जब जीन-संपादित मलेरिया मच्छरों को छोड़ा जाएगा तो वो देखते ही देखते पूरी आबादी में फैल जाएंगे. जिसकी मदद से मलेरिया को बेहद जल्दी रोका जा सकता है. उन्‍होंने दावा किया कि जीन संपादित मलेरिया मच्‍छर बेहद सस्‍ता है, जो मलेरिया को रोकने में बेहद कारगर साबित हो सकता है.

Tags: Global health, Health News, Malaria

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