मराठी किसानों ने एक साथ खरीदे 12 नागौरी बैल, काम में ट्रैक्टर को देते हैं मात

रिपोर्ट – कृष्ण कुमार

नागौर. वर्तमान समय में खेती करने के लिए विभिन्न प्रकार के संसाधन आ गए हैं, मगर आज भी खेती के लिए सबसे भरोसेमंद साथी, पालतू पशु ही हैं. ट्रैक्टर हों या अन्य उपकरण, खेतिहर किसान आज भी इन पशुओं के ऊपर ही भरोसा करते हैं. खासकर खेतों में हल जोतने के काम आने वाले बैल तो किसान के सबसे अच्छे साथी माने जाते हैं. अच्छे बैलों की खोज में किसान दूर-दूर तक पशु मेले में जाते हैं. बात जब पशु मेले की होती है, तो फिर नागौर का पशु मेला और नागौरी बैल की कहानियां सबसे पहले जुबां पर आ जाती है.

नागौरी नस्ल के बैलों की डिमांड सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, बल्कि देश अन्य राज्यों में भी है. इसलिए नागौर पशु मेले में कई राज्यों के पशु व्यापारी व किसान नागौरी बैल खरीदने पहुंचते हैं. स्थानीय जानकार बताते हैं कि राजस्थान में खेती के लिए बैलों का उपयोग भले कम हो गया है, लेकिन महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में आज भी किसान खेती करने के लिए बैलों को ही काम में लेते हैं. ऐसा ही एक किसान बीते दिनों दिखा, जिसने आलू-प्याज की तरह एक बार में दर्जनभर बैल खरीद डाले. जी हां, महाराष्ट्र के विदर्भ से आए एक किसान ने एक साथ 12 बैल खरीद लिए हैं.

मारवाड़ी घोड़े जैसे नागौरी बैल
महाराष्ट्र के विदर्भ से आए व्यापारी व किसान ने बातचीत में कहा कि उनके इलाके में आज भी ट्रैक्टर की जगह बैलों से काम लिया जाता है. विदर्भ के इलाके में सोयाबीन, कपास, गेहूं और प्याज की खेती बड़े पैमाने पर होती है. नागौरी बैल मेहनती और मजबूत कद-काठी के होते हैं, इसलिए लंबे समय तक खेतों में काम कर पाते हैं. इसलिए महाराष्ट्र से आए चार किसानों ने एक साथ 12 बैल खरीद लिए. इन बैलों की कीमत के बारे में व्यापारी ने बताया कि एक बैल की कीमत लगभग 25 हजार रुपए के आसपास है. यानी कि लगभग 3 लाख रुपए में 12 नागौरी बैल खरीदे गए.

1.40 लाख में दो जोड़ी बैल
पशु मेले में मध्य प्रदेश के हरदा क्षेत्र से आए व्यापारी हिम्मतसिंह ने दो जोड़ी बैल खरीदे, जिनकी कीमत 1.40 लाख रुपए है. हिम्मतसिंह ने बताया कि बैल का उपयोग खेत जोतने के साथ-साथ बोझ ढोने में भी होता है. ट्रैक्टर से कम खर्च में बैल हमारे काम आते हैं. आपको बता दें कि नागौरी नस्ल के बैल कद-काठी में मजबूत होते हैं. इनका शरीर मारवाड़ी घोड़े जैसा होता है. इनकी वजन ढोने की क्षमता भी ज्यादा होती है. इसके अलावा ये बैल दिखने में सुन्दर व 12 घंंटे तक काम करने में सक्षम हैं. इनका स्वभाव उग्र नहीं होता.

Tags: Local18, Nagaur News

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