शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल ने लोकसभा अध्यक्ष के पास अपना इस्तीफा भेजा है। रविवार 29 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास मराठा आरक्षण के समर्थन में उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है। पाटिल के खिलाफ पुलिस में भी मामला दर्ज किया गया था।
महाराष्ट्र की राजनीति में मराठा आरक्षण बेहद अहम मुद्दा रहा है। महाराष्ट्र के हिंगोली से शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल ने एक बार फिर से मराठा आरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठा लिया है। शिवसेना सांसद हेमंत पाटिल ने लोकसभा अध्यक्ष के पास अपना इस्तीफा भेजा है। रविवार 29 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास मराठा आरक्षण के समर्थन में उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है।
बता दें कि हेमंत पाटील हाल ही के दिनों में चर्चा में आए थे जब उन्होंने नांदेड के एक सरकारी अस्पताल में मरीजों की मौत के बाद अस्पताल के दिन से शौचालय साफ करवाया था। वही पाटिल के खिलाफ पुलिस में भी मामला दर्ज किया गया था।
बता दें कि इस्तीफा दिए जाने से पहले भी कई बार हेमंत पाटील चर्चा में आ चुके हैं। अक्टूबर की शुरुआत में ही महाराष्ट्र के नांदेड़ में शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में एक दिन के भीतर ही 31 लोगों की मौत हुई थी जिसके बाद प्रशासन से लेकर पूरे राज्य में अफरा तफरी का माहौल हो गया था। इस घटना के बाद हेमंत पाटिल भी वहां पहुंचे थे। सांसद ने अस्पताल के शौचालय की बेहद गंदी हालत को देखकर अस्पताल के कार्यवाहक डीन डॉक्टर श्याम राव वाकोडे से शौचालय साफ करवाया था। इस कदम के बाद दी ने संसद के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था।
लंबे अरसे से उठ रही है मराठा आरक्षण की मांग
बताने की मराठा आरक्षण को लेकर राज्य में लंबे हिस्से से मांग उठती रही है। इन दोनों एक कार्यकर्ता मनोज जारंगे जालना भी अनिश्चितकालीन अनशन पर है। उनके द्वारा अनशन की जाने के कारण आरक्षण का मुद्दा लगातार गरमाया हुआ है। इस मामले पर मनोज जरंगे ने 28 अक्टूबर को बयान देते हुए कहा कि अगर सरकार तत्काल आरक्षण नहीं देगी तो 29 अक्टूबर से राज्य के हर गांव में भूख हड़ताल की शुरुआत की जाएगी। जरांगे की भूख हड़ताल का दूसरा चरण 25 अक्टूबर से शुरू हुआ है।
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