ममता बनर्जी की दुत्‍कार के बाद भी कांग्रेस क्‍यों लुटा रही है प्‍यार?

नई दिल्‍ली. नीतीश कुमार के प्रयासों से विपक्षी पार्टी I.N.D.I.A. के बैनर के साथ एक मंच पर आए थे. बदले राजनीतिक हालात में नीतीश कुमार ने विपक्षी खेमा को बाय बाय बोलकर NDA में शामिल हो गए हैं. ऐसे में लोकसभा चुनाव-2024 से ठीक पहले I.N.D.I.A. के अस्तित्‍व को लेकर सवाल उठने लगे हैं. नीतीश कुमार के राजनीतिक पाला बदलने से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका दिया था. उन्‍होंने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा दिया था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव के मैदान में अपने दम पर उतरेगी. बता दें कि वेस्‍ट बंगाल में सत्‍तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के अलावा भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस प्रमुख पार्टियां हैं. पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं.

ममता बनर्जी के स्‍पष्‍ट बयान के बाद भी कांग्रेस का कहना है कि वह पश्चिम बंगाल में I.N.D.I.A. संग गठजोड़ के साथ चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है. कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश से जब I.N.D.I.A. में सीट शेयरिंग को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्‍होंने बताया कि अभी तक हमारी तरफ से इसपर अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. जयराम रमेश ने कहा, ‘गठबंधन में सभी घटक दलों को एक भाषा में बात करनी चाहिए. एकतरफा फैसला नहीं लिया जा सकता है. इंडिया अलायंस में 3 दल हैं. यदि इन तीनों पार्टियों को अलग-अलग चुनाव लड़ना है तो उन्‍हें आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा करनी चाहिए. फिलहाल हमलोग पश्चिम बंगाल में भी I.N.D.I.A. के साथ मिलकर ही चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं.’

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ममता की स्‍पष्‍टता, कांग्रेस की मजबूरी
पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने I.N.D.I.A. से अलग चुनाव लड़ने की घोषणा ऐसे वक्‍त की थी, जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्‍याय यात्रा प्रदेश में थी. एक समय था जब पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सबसे मजबूत पार्टी थी, लेकिन समय के साथ कांग्रेस अपना जनाधार खोती गई और वाम मोर्चा के साथ ही तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी जैसी पार्टियां मजबूत होती गईं. उत्‍तर और पूर्वी भारत में कांग्रेस की मौजूदा हालत को देखते हुए ममता बनर्जी का फैसला देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है.

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उत्‍तर प्रदेश-बिहार में कांग्रेस की हालत
उत्‍तर प्रदेश और बिहार में भी कांग्रेस की हालत ठीक नहीं है. यहां भी कांग्रेस गठबंधन के ही सहारे है. उत्‍तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस को 11 सीटें देने की घोषणा कर दी है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उन्‍होंने इससे ज्‍यादा की उम्‍मीद थी. वहीं, बिहार में नीतीश कुमार के I.N.D.I.A. से अलग होने के बाद राजनीतिक तस्‍वीर पूरी तरह से बदल गई है. यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 162 सीटें हैं. इन तीनों ही प्रदेशों में कांग्रेस की हालत ठीक नहीं है. पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने भी प्रदेश में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही है.

Tags: Chief Minister Mamata Banerjee, Loksabha Elections, Rahul gandhi



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