नई दिल्ली: एक दंपति को पुलिस सुरक्षा देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मनपसंद के व्यक्ति से शादी करना संवैधानिक अधिकार है. ऐसे अधिकार को किसी भी तरह से कमजोर नहीं किया जा सकता है. नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना राज्य सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों के बालिग होने पर उनके परिवार के सदस्य भी उनके रिश्ते पर आपत्ति नहीं कर सकते हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने संबंधित थाना पुलिस को दंपति को सुरक्षा उपलब्ध कराने और उन्हें कोई खतरा न होना सुनिश्चित करने का आदेश दिया. दरअसल, स्वजन से सुरक्षा की मांग को लेकर महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि उसकी शिकायत पर युवक के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था. हालांकि उस एफआईआर को हाईकोर्ट ने दो अगस्त को रद्द किया था, क्योंकि उसने अदालत को बताया था कि उसने परिवार के सदस्यों के दबाव में युवक के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कराया था.
महिला ने कहा कि एफआईआर लंबित रहने के दौरान दोनों ने शादी कर ली थी और अब वे खुशी-खुशी रह रहे हैं. महिला ने आरोप लगाया कि उसके स्वजन से उनको जान का खतरा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि एक संवैधानिक अदालत होने के नाते संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दंपति को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि महिला के माता-पिता या परिवार के सदस्यों से कोई नुकसान न हो.
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Tags: DELHI HIGH COURT, Marriage news
FIRST PUBLISHED : October 26, 2023, 22:15 IST
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‘मनपसंद के शख्स से शादी करना संवैधानिक अधिकार’, दिल्ली HC की बड़ी टिप्पणी
नई दिल्ली: एक दंपति को पुलिस सुरक्षा देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मनपसंद के व्यक्ति से शादी करना संवैधानिक अधिकार है. ऐसे अधिकार को किसी भी तरह से कमजोर नहीं किया जा सकता है. नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना राज्य सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों के बालिग होने पर उनके परिवार के सदस्य भी उनके रिश्ते पर आपत्ति नहीं कर सकते हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने संबंधित थाना पुलिस को दंपति को सुरक्षा उपलब्ध कराने और उन्हें कोई खतरा न होना सुनिश्चित करने का आदेश दिया. दरअसल, स्वजन से सुरक्षा की मांग को लेकर महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि उसकी शिकायत पर युवक के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था. हालांकि उस एफआईआर को हाईकोर्ट ने दो अगस्त को रद्द किया था, क्योंकि उसने अदालत को बताया था कि उसने परिवार के सदस्यों के दबाव में युवक के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज कराया था.
महिला ने कहा कि एफआईआर लंबित रहने के दौरान दोनों ने शादी कर ली थी और अब वे खुशी-खुशी रह रहे हैं. महिला ने आरोप लगाया कि उसके स्वजन से उनको जान का खतरा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि एक संवैधानिक अदालत होने के नाते संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना उनका कर्तव्य है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को दंपति को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुए यह सुनिश्चित करने को कहा कि महिला के माता-पिता या परिवार के सदस्यों से कोई नुकसान न हो.
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FIRST PUBLISHED : October 26, 2023, 22:15 IST
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