मध्य प्रदेश-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इन वजहों से BJP को मिला ‘नारी शक्ति’ का आशीर्वाद

एक दिलचस्प तथ्य ये भी है कि तीनों राज्यों में जब भी महिलाओं ने बंपर वोटिंग की है, तब-तब सत्ता बदली है. 2003, 2013 और 2018 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत अधिक रहा था. इसी कारण नतीजे भी चौंकाने वाले रहे थे. अब 2023 में भी बीजेपी की जीत में महिला वोटर्स की भूमिका अहम मानी जा रही है. आइए जानते हैं मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को क्यों मिला महिला वोटर्स का साथ:-

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मध्य प्रदेश: ‘लाड़ली बहना’ योजना ने पार लगाई शिवराज की नैया

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 30 , कांग्रेस ने 28 और आप ने 10 सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारे. मध्य प्रदेश में बीजेपी की जीत में महिला वोटर्स की भूमिका अहम मानी जा रही है. कर्नाटक चुनाव के बाद ही कांग्रेस ने महिलाओं के लिए 1500 रुपये महीने की गारंटी की घोषणा की थी. प्रियंका गांधी ने जबलपुर की जनसभा में घोषणा की थी. कर्नाटक चुनाव में हार के बाद शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को रिझाने में जुट गए. इसके लिए सबसे पहले ‘लाड़ली बहना’ स्कीम को धरातल पर उतारने का फैसला लिया गया. शिवराज ने इस योजना का जमकर प्रचार किया था. 

‘लाड़ली बहना’ योजना के तहत सूबे की एक करोड़ 31 लाख महिलाओं के खाते में 1250 रुपये महीने की दो किश्तें दी गईं. इस योजना के तहत महिलाओं 3 हजार तक देने का वादा किया. शिवराज का यह दांव कांग्रेस की घोषणा और प्रियंका के वादों पर भारी पड़ा, जबकि बीजेपी के लिए यह गेमचेंजर साबित हुआ.

कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि सत्ता में आने के साथ ही महिलाओं को 1500 रुपये महीने, 500 रुपये में गैस सिलेंडर और बिजली बिल माफ करेंगे. कांग्रेस की इन्हीं गारंटी को शिवराज सिंह चौहान ने कैच किया. उन्होंने महिलाओं को हर महीने 1250 रुपये देना शुरू कर दिया. इसके साथ ही ‘उज्जवला गैस कनेक्शन’ के तहत महिला को 450 रुपये में सिलेंडर और 31 अगस्त 2023 तक के बिजली के बढ़े हुए सभी बिल माफ कर दिए. इससे महिला वोटर्स बीजेपी से जुड़ती चली गईं.

महिला वोटरों को सीधा साधने वाली योजनाओं का लाभ बीजेपी को इन चुनावों में मिला है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार बंपर वोटिंग हुई है. 2018 की तुलना में 2 फीसदी ज्यादा वोट पड़े. चुनाव आयोग के अनुसार, 2018 में 75.6% तो 2023 में 77.2% वोटिंग हुई है. वहीं, महिलाओं ने 76.03% वोटिंग की है. 

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छत्तीसगढ़: महिला वोटर्स ने कांग्रेस का बिगाड़ा खेल

टिकटों की बात की जाए, तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 18, बीजेपी ने 15 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. यहां भी महिला वोटर्स ने बीजेपी की वापसी में अहम भूमिका निभाई है. यहां के चुनाव में M फैक्टर यानी महिला फैक्टर छाया रहा. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में कुल 2 करोड़ 3 लाख 93 हजार 160 मतदाताओं में 1 करोड़ 1 लाख 35 हजार 561 पुरुष और 1 करोड़ 2 लाख 56 हजार 846 महिला मतदाता हैं. छत्तीसगढ़ में 2018 में 74.03% महिलाओं ने वोट डाला था. इस बार के चुनाव में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 76.03% रहा, जो पिछली बार की तुलना से 2 फीसदी ज्यादा है.

बीजेपी ने महिलाओं के लिए दो बड़ी घोषणाएं की थी. सबसे खास ‘महतारी वन्दन योजना’ था. इसके तहत प्रदेश की प्रत्येक विवाहित महिला को 12 हजार रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाएगी. इसके अलावा ‘रानी दुर्गावती योजना’ के तहत BPL वर्ग की लड़कियों  के जन्म पर 1 लाख रुपये का फाइनेंशियल एश्योरेंस सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा. दूसरी तरफ कांग्रेस ने कहा था कि सरकार बनते ही महिला स्व-सहायता समूहों और महिलाओं द्वारा सक्षम योजना के अंतर्गत लिए गए कर्ज माफ किए जाएंगे. 

हालांकि, बीजेपी के ऐलान के बाद कांग्रेस को सप्लीमेंट्री मैनिफेस्टो के रूप में ‘गृह लक्ष्मी योजना’ की घोषणा करनी पड़ी. इस स्कीम में महिलाओं को 15 हजार रुपये सालाना दिए जाने का दावा किया गया था. लेकिन कांग्रेस के वादों पर बीजेपी की राहत भारी पड़ी. मध्य प्रदेश की ‘लाड़ली बहना’ की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी को ‘महतारी वन्दन योजना’ का फायदा मिला. महिला वोटर्स ने बीजेपी पर भरोसा जताया.

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200 सीट वाले इस राज्य में कांग्रेस ने 28, बीजेपी ने 20 और आम आदमी पार्टी ने 19 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह राजस्थान में भी बीजेपी और कांग्रेस ने ‘तू डाल डाल तो मैं पात पात’ की तर्ज पर ऐलान किए. यहां भी M फैक्टर छाया रहा. कांग्रेस ने अपनी घोषणाओं में महिलाओं को किसानों को रिझाने का दांव चला.

राजस्थान में कांग्रेस 500 रुपये में सिलेंडर दे रही है, लेकिन बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में 450 रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने की बात कही. इसके बाद कांग्रेस ने बड़ा दांव चलते हुए 400 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा कर दिया. इसके बाद बीजेपी ने महिलाओं के लिए वादों की झड़ी लगा दी.

बीजेपी ने ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ का ऐलान किया. इसके तहत सभी गरीब परिवारों में लड़कियों के जन्म पर मदद का प्रस्ताव है. इस स्कीम के तहत हर क्लास में अलग-अलग सेविंग बॉन्ड देना का वादा किया गया. जैसे क्लास 6 में 6000 से शुरू करके क्लास 9 में 8000 करने की बात कही गई. इसी तरह प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेने के पहले और आखिरी साल में अलग-अलग सेविंग बॉन्ड का ऐलान किया गया था. इसके अलावा सभी गरीब परिवार की छात्राओं को शुरुआती पढ़ाई से पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त क्वालिटी एजुकेशन देने का वादा किया गया. मेधावी छात्राओं को फ्री स्कूटी स्कीम भी शुरू करने की बात हुई थी. बीजेपी की इन सभी योजनाओं पर फीमेल वोटर्स ने भरोसा जताया.

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