जयपुर: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह और काशी के ज्ञानवापी विवाद पर अजमेर दरगाह के दीवान का बड़ा बयान सामने आया है. अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख और वंशानुगत सज्जादानशीन हजरत दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि राजनीतिक दलों को मथुरा-काशी जैसे मसलों का समाधान अदालतों के बाहर ढूंढने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी मसला आपसी सहमति से सुलझाया जाता है तो यह समुदायों का दिल और विश्वास जीतेगा.
अजमेर दरगाह के दीवान जयपुर में अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन काउंसिल की राजस्थान इकाई द्वारा आयोजित ‘पैग़ाम-ए-मोहब्बत हम सब का भारत’ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आज भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना अपनाकर विश्व में शांति बहाल करने में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा, ‘आज भारत विश्व शांति में अपनी भूमिका निभा रहा है तो हम अपने देश के आंतरिक मसलों का अदालतों के बाहर शांति पूर्वक समाधान निकालने में सक्षम क्यों नहीं? हम सक्षम हैं. बस एक मजबूत पहल की जरूरत है.’
एक बयान के अनुसार उन्होंने काशी और मथुरा जैसे मसलों का हल अदालतों के बाहर मिल-जुल कर निकालने का प्रयास करने की अपील की. इसके अनुसार सीएए पर अपनी राय रखते हुए दरगाह प्रमुख ने यह भी कहा,‘आज हम एक बात और साफ करना चाहते हैं कि पिछले कुछ साल में मुसलमानों को गुमराह किया गया और डराया गया कि सीएए कानून से भारत के मुसलमानों की नागरिकता छीनने की कोशिश हो रही है. जबकि वास्तविकता कुछ और है.’
उन्होंने कहा, ‘अधिनियम के प्रावधानों के विस्तृत विश्लेषण के बाद हमने पाया कि कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है और यह उन पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा, बल्कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में पीड़ित और सताए हुए अल्पसंख्यक प्रवासियों को लाभ पहुंचाएगा, जो भारतीय नागरिकता चाहते हैं.’ उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती क्योंकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है.’
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FIRST PUBLISHED : February 23, 2024, 05:48 IST