कोलकाता. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शनिवार को कहा कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली की वर्तमान स्थिति को बहुत खराब बताया. बोस ने राज्य सरकार से प्रभावी कार्रवाई करने का आह्वान किया और उससे एक रिपोर्ट मांगी.
बोस का यह बयान संदेशखाली में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में भाजपा द्वारा उनके हस्तक्षेप की मांग करने के कुछ घंटे बाद आया, जहां फरार तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर स्थानीय महिलाओं द्वारा जुलूस निकाले जाने के बाद दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.
बोस ने शनिवार रात राजभवन द्वारा जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ‘संदेशखाली की घटना किसी सभ्य समाज में होने वाली सबसे बुरी घटना को दर्शाती है. वहां महिलाओं को परेशान किया जाता है और उन पर हमला किया जाता है. सत्तारूढ़ सरकार को दृढ़ता से और प्रभावी ढंग से कार्य करना होगा.’
उन्होंने कहा, “किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी. इस पर रोक लगाना सरकार की जिम्मेदारी है. मैं समझता हूं कि वहां निषेधाज्ञा लागू की गई है, पुलिस वहां है, विधानसभा सत्र चल रहा है. ऐसी स्थिति में कोई गुंडा या उसका समूह कानून अपने हाथ में लेता है, तो इसका मतलब है कि यह नागरिक समाज के लिए एक चेतावनी है.’ उन्होंने कहा, “मुझे सरकार से रिपोर्ट लेने दीजिए. कार्रवाई की जाएगी. यह कभी मत सोचिए कि बंगाल ‘बनाना रिपब्लिक’ है.”
शाहजहां पिछले महीने से फरार है, जब कथित राशन घोटाले में उनके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया था. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां और उसके ‘गिरोह’ ने उनका यौन उत्पीड़न करने के अलावा, जमीन के बड़े हिस्से पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया. शाहजहां के समर्थक सड़कों पर भी उतरे, जिससे तनाव और बढ़ गया.
भाजपा विधायक एवं पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि संदेशखाली में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया है. अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल यहां राजभवन गया और एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें संदेशखाली में शांति बहाल करने के लिए बोस के हस्तक्षेप की मांग की गई.
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FIRST PUBLISHED : February 11, 2024, 04:09 IST