मजबूत होंगे काशी, कांची और अयोध्या के रिश्ते, यहां बनेगा दक्षिण के तर्ज पर आश्रम

अभिषेक जायसवाल/वाराणसी : बाबा विश्वनाथ के बाद अब रामलला के अयोध्या में भी दक्षिण भारत की झलक दिखेगी. इसके लिए दक्षिण का कांची कामकोटि मठ वहां जल्द ही कई नई सुविधाओं को शुरू करने जा रहा. इसका पूरा प्लान तैयार हो गया है और महादेव के काशी को केंद्र बनाकर वहां विकास की गाथा लिखी जाएगी. ताकि दक्षिण भारत से वहां आने वाले श्रद्धालु वहां रहकर रामलला के दर्शन पूजन के साथ वहां धार्मिक अनुष्ठान भी कर सके.

इसके लिए अयोध्या के प्रमोद वन में बने कांची काम कोटि मठ को विस्तार और भव्य रूप दिया जाएगा. काशी में स्थित कांची शंकराचार्य मठ के प्रबंधक वी एस सुब्रह्मण्यम मणि ने बताया कि वहां एक बड़े सभागार के अलावा यज्ञ मंडप का निर्माण होगा. जहां लोग परंपरागत अग्निहोत्र, पूजा अनुष्ठान और यज्ञ कर सकेंगें.इसके अलावा बड़े सभागार के निर्माण के साथ वहां धार्मिक और शैक्षणिक कार्य भी हो सकेंगे.

भक्तों को मिलेगी ये सुविधाएं
वी एस सुब्रह्मण्यम मणि ने बताया कि इसके अलावा 22 जनवरी को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद दक्षिण भारत से श्रद्धालु वहां आएंगे तो वहां न सिर्फ रामलला के दर्शन करेंगे बल्कि वहां प्रवास कर सरयू में स्नान के साथ 84 कोसी परिक्रमा और 5 कोसी परिक्रमा भी कर सकेंगे. जिससे दक्षिण और उत्तर भारत का समागम होगा और बाबा विश्वनाथ के बाद रामलला इस रिश्ते की डोर की नई राह बनेंगे.

2008 में मिली थी जमीन
बता दें कि अयोध्या के प्रमोद वन में 2008 में कांची काम कोटि मठ को जमीन मिली थी.उसके बाद वहां दक्षिण शैली में भगवान राम के मंदिर का निर्माण कराया गया.अब वहां इन सुविधाओं के विस्तार के बाद सामाजिक,शैक्षणिक और धार्मिक कार्य बढेंगे और दक्षिण से आने वाले श्रद्धालु भी वहां ज्यादा संख्या में आएंगे.

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