मजदूर पिता ने खेत बेचकर पढ़ाया, बेटा बना जेल अधीक्षक, नौकरी के साथ की तैयारी

Success Story : मेहनत और लगन के बल पर अपना वक्त बदला जा सकता है. इस बात को साबित किया है छत्तीसगढ़ के एक मजदूर के बेटे ने. छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के रहने वाले ओमप्रकाश साहू छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा पास करके जेल अधीक्षक बने हैं. उनकी इस सफलता से माता-पिता सहित पूरे परिवार का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है.

कबीरधाम जिले के पंडरिया विकासखंड के पंवरजली गांव के रहने वाले ओमप्रकाश तीन भाई-तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं. उनसे छोटे एक भाई और बहन हैं. ओमप्रकाश ने बचपन से ही माता-पिता को मजदूरी करते देखा है. इसके बाद उन्होंने अपनी किस्मत खुद गढ़ने का फैसला किया. उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी शुरू की. अब उनका सपना हकीकत में बदल चुका है.

जॉब कार्ड बनवाकर की मजदूरी

ओम प्रकाश साहू ने मीडिया को बताया कि गरीब परिवार होने के चलते मजदूरी करना पड़ता था. जिसके चलते पढ़ाई पर बहुत ध्यान नहीं दे पाते थे. पिता घर का खर्च चलाने के लिए दूसरों के खेतों में मजदूरी किया करते थे. पिता का बोझ हल्का करने के लिए ओमप्रकाश ने भी जॉब कार्ड बनवाकर मजदूरी करना शुरू कर दिया. लेकिन एक दिन उनके पिताने कहा कि तुम्हें मजदूर नहीं बनना है. इसके बाद पिता ने पैसे जुटाकर उन्हें पढ़ने के लिए शहर भेजा.

नौकरी के साथ की पढ़ाई

ओमप्रकाश पहले भिलाई और फिर दिल्ली गए. ओमप्रकाश की पढ़ाई के लिए पिता ने खेत बेचा. इन्हीं पैसों से ओमप्रकाश ने पढ़ाई पूरी की. ओमप्रकाश ने सबसे पहले साल 2018 में छत्तीसगढ़ पीसीएस परीक्षा दी थी. लेकिन उसमें कामयाबी नहीं मिली थी. इसके बाद उन्होंने एक छोटी सी नौकरी करनी शुरू कर दी. साथ में तैयारी भी जारी रखी. जिसका नतीजा सभी के सामने है.

रोज करते थे छह से आठ घंटे पढ़ाई

ओमप्रकाश ने बताया कि नौकरी के साथ वह रोज छह से आठ घंटे पढ़ाई भी किया करते थे. उन्होंने इस दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाने की बजाए परीक्षा की तैयारी में इसकी मदद ली.

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Tags: Job and career, Success Story

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