मजदूरी करने वाले, सड़को पर कूड़ा उठाने वाले बच्चों को इस टीम ने किया रेस्क्यू, फिर किया ये काम

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. स्लम एरिया में अक्सर अपने छोटे बच्चों को कंधे पर बड़ा सा झोला लटकाए कचरा उठाते देखा होगा. इसके अलावा शहरों में कुछ ऐसे बच्चों को मजदूरी करते देखा होगा, जिनकी उम्र 14 साल से कम होती है. इनमें से कई बच्चों से तो जबरन मजदूरी कराई जाती है. ऐसे में उनपर शारीरिक दबाव तो पड़ता ही है, साथ ही उन्हें मानसिक दबाव से भी गुजारना पड़ता है. रास्ते से आते जाते लोग उन्हें देख तरस तो खाते हैं, लेकिन कुछ ठोस नहीं कर पाते हैं. ऐसे में आपको यह जान लेना चाहिए कि इनके उत्थान के लिए सरकारी तंत्र के अलावा समाज में कुछ खास संस्थाएं भी काम करती हैं, जो बाल मजदूरी करने वाले बच्चों और उनके परिवार की आर्थिक मदद भी करती है.

बाल मजदूरी और चाइल्ड प्रोटेक्शन के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. इसके अलावा प्रथम मुंबई एजुकेशन इनिशिएटिव संस्था है, जो चाइल्ड एजुकेशन के लिए 21 राज्यों और चाइल्ड प्रोटेक्शन के लिए 7 राज्यों में कार्यरत है. खास बात यह है कि यह संस्था सरकारी तंत्र के साथ मिलकर कार्य करती है. वर्तमान में इस संस्था ने पश्चिम चम्पारण जिले में बाल श्रम विभाग और बाल कल्याण समिति के साथ मिलकर 15 ऐसे बच्चों का रेस्क्यू किया है, जिनकी उम्र 14 साल से कम थी. बड़ी बात यह है कि इनमें 8 साल की लड़कियां भी शामिल थी.

प्रभावित परिवारों को दिया गुमटी
बाल श्रम पदाधिकारी किशुन देव साह और बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आदित्य कुमार यादव ने बताया कि पश्चिम चम्पारण जिले से 15 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. इन बच्चों के परिवार वालों को प्रथम मुम्बई एजुकेशन इनिशिएटिव ने जीविका के लिए गुमटी दिया है, जिसमें 5 हजार का सामान भी था. जबकि बच्चों को उनके शारीरिक विकास के लिए न्यूट्रीशन किट भी दी गयी है. संस्था के जिला समन्वयक अमर सिंह ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्हें 6 हजार रुपए दिए जाएंगे. हर तीन महीने पर बच्चों के साथ परिवार की मॉनिटरिंग भी की जाएगी, ताकि कोई इसका गलत फायदा न उठा पाए.

शिकायत के लिए करें इन नंबरों पर संपर्क
बाल कल्याण पदाधिकारी ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति किसी कम उम्र के बच्चे को मजदूरी करते हुए देखता है, तो वह 1098, 100 और 112 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकता है. मजदूरी कराने वालों पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. श्रम पदाधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू किए गए सभी बच्चों के नाम 25 हजार रुपये की एफडी भी कराई जाएगी.

Tags: Bihar News, Local18, Social Welfare

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