मछली बेचकर पाला था पिता ने,आज दुलारी देवी ने मधुबनी पेंटिंग को दिलाई एक पहचान

आकाश कुमार/जमशेदपुर.हिंदुस्तान का प्रसिद्ध और बहुचर्चित कलाकृति मधुबन पेंटिंग आज पूरे विश्व भर में लोगों का प्रिय बनते जा रहा है. मधुबनी पेंटिंग अब सिर्फ बिहार में ही नहीं. बल्कि, पूरे विश्व में लोग इसे पसंद कर रहे हैं. जमशेदपुर के रूसी मोदी सेंटर फॉर एक्सीलेंस में टाटा स्टील की ओर से आयोजित आर्ट इन इंडस्ट्रीज कार्यक्रम में भाग लेने पहुंची पद्मश्री दुलारी देवी ने अपने मधुबनी पेंटिंग से यहां के लोगों को दीवाना बना दिया.

लोकल 18 को बताते हुए दुलारी देवी ने कहा कि मैं सालों तक घर का चूल्हा चौकी करती थी.लेकिन बचपन से ही मधुबनी पेंटिंग के लिए रुचि थी और बचपन से ही कई सारे डिजाइन की मधुबनी पेंटिंग बनाया करती थी.

घर के दीवारों में किया करती थी पेंटिंग
इसके अलावा दुलारी देवी ने आगे कहा  कि उनके घर में माता-पिता मछली पकड़ कर बाजारों में बेचा करते थे.जिससे उन लोगों का परिवार का भरण पोषण होता था.वह कभी स्कूल भी नहीं गई है.लेकिन अपने घर के बाहर और आसपास के दीवारों में पेंटिंग करते रहती थी और कई सालों बाद उनकी पेंटिंग की सराहना की गई और उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया.उन्होंने बताया कि आज मैं विश्व भर में काफी गर्व से मधुबनी पेंटिंग का प्रचार कर रही हू.जमशेदपुर में इन्होंने पेंटिंग के माध्यम से मछली, तालाब, झील, बतख व मोर की तस्वीर बनाई और वहीं दूसरी पेंटिंग में उन्होंने छठ पर्व का वर्णन किया है.जहां पर आपको सूप, डाला, सूरज, फल व थेकुआ देखने को मिलेगा.दुलारी देवी ने आगे बताया  कि उन्हें जमशेदपुर काफी ज्यादा पसंद आया और यहां के लोग भी काफी अच्छे स्वभाव के हैं.उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वह फिर से जमशेदपुर आकर सभी को मधुबनी पेंटिंग की टेक्निक और खासियत अच्छी तरह से बताएगी.

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FIRST PUBLISHED : November 7, 2023, 14:49 IST

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