हिना आज़मी/ देहरादून. अगर आप अपना मछली से जुड़ा व्यवसाय शुरु करना चाहते हैं, तो आप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसमें अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को 60 फीसदी और अन्य सभी वर्गों को 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक मनीष नवानी ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना केंद्र पोषित योजना जिसके माध्यम से राज्य के मत्स्य पालकों को विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ दिया जाता है.
मैदानी क्षेत्रों में तालाब का निर्माण करके मत्स्य पालन का लाभ लिया जा सकता है. अब नई योजनाएं आई हैं, जिनमें हाइडेंसिटी में मछली पालन का काम किया जाता है. आरएएस यानी री-सर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम और बायोफ्लॉक सिस्टम में कम पानी में भी मछली पालन का काम किया जाता है. फिश मार्केटिंग के लिए फिश क्योस्क दिए जाते हैं. इसमें कोई भी व्यक्ति दुकान करके मछली बेच सकता है. उन्होंने बताया कि राज्य के करीब 10 हजार मछली पालक किसान काम कर रहे हैं और रिवर्स पलायन भी हो रहा है.
फार्मिंग यूनिट रेसवेज का निर्माण
राज्यों के सभी जिले के 4000 फीट से ऊंचाई वाले क्षेत्र में ट्राउट फार्मिंग को प्रोत्साहित करने के लिए फार्मिंग यूनिट और रेसवेज का निर्माण किया जाता है. इसके अंतर्गत 50 क्यूबिक मीटर क्षेत्रफल के फार्मिंग यूनिट या रेसवेज निर्माण के लिए 3 लाख रुपये लगाने पर सामान्य जाति के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं 60 फीसद की सब्सिडी दी जाती है. इसमें नियम के अनुसार फार्मिंग यूनिट वाले लाभार्थियों को पहले साल कुल 2.50 लाख रुपये का व्यय करना पड़ता है.
कैसे कर सकते हैं आवेदन?
अगर आप मछली पालन से जुड़कर रोजगार शुरू करना चाहते हैं, तो आप प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए देहरादून के रिंग रोड स्थित मत्स्य पालन विभाग में आवेदन कर सकते हैं. ज्यादा जानकारी के लिए आप https://fisheries.uk.gov.in पर विजिट कर सकते हैं. आप adfdehradun983@gmail.com पर मेल भी कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 29, 2024, 12:04 IST