कुंदन कुमार/गया.मछली पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जो किसानों की आमदनी को बढ़ा सकती है. धान और गेहूं की तुलना में मछली पालन से किसान 15 गुना अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. आज हम गया जिले के एक ऐसे ही मछली पालक की कहानी बताने जा रहे हैं जो पिछले 28 वर्षों से करीब 7 एकड़ तालाब में मछली पालन कर रहे हैं. सालाना लगभग 15 लाख रुपए का इनकम कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं गया के बोधगया प्रखंड के प्रहण्डा गांव के रहने वाले मछलीपालक रविंद्र कुमार वर्मा की.
गांव में डेढ़ एकड़ के तीन बड़े तालाब जबकि पांच कट्ठे केसात छोटे तालाब बना हुए हैं.जिसमें रविंद्र मछली पालन के अलावे हैचरी के माध्यम से बच्चे तैयार कर रहे हैं. 1995 में इनके पिताजी ने एक तालाब से मछली पालन की शुरुआत की थी.मछली पालन में फायदा देख धीरे-धीरे तालाबों की संख्या बढ़ाते चले गए. रविंद्र इस व्यवसाय को 2004 से संभाल रहे हैं.आज इनकी पहचान जिले में एक सफल मछली पालक के रूप में हो रही है. मछली पालन में इन्हें तीन तरह के फायदे हो रहे हैं. मछली के अलावे छोटे बच्चे और स्पाॅन बेचकर भी इससे आमदनी कर रहे हैं.
सालाना 15 लाख रुपये की होती है आमदनी
किसान परिवार से जुड़े होने के कारण रविंद्र ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद पिताजी के व्यवसाय को संभाला और मछली पालन में एक मुकाम हासिल कर लिया है. गया तथा आसपास के लोग मछली और मछली के स्पाॅन और बीज खरीदने के लिए यहां आते हैं. रविंद्र कुमार वर्मा कहा कि लोकल मार्केट में मछलियों कि डिमांड खूब है. इनके तालाब में रेहु, कतला, मृगल और काॅमन कार्प मछली मौजूद है.मछली पालन से तीन तरह के फायदे हो रहे हैं. बड़े तालाब में बड़ी मछलियों का पालन करते हैं, जबकि हैचरी से निकले बीज को छोटे तालाब में पालते हैं. मछलियों के अंडे से स्पाॅन तैयार किया जाता है. गया तथा आसपास के जिले के किसान मछली के बीज और स्पाॅन खरीद कर ले जाते हैं.उसका पालन करते हैं. मछली पालन में धान और गेहूं की तुलना में 15 गुना अधिक मुनाफा होता है और 7 एकड़ के तालाब से मछली पालन में सालना 15 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : September 17, 2023, 00:53 IST