लखेश्वर यादव/ जांजगीर चांपा:- जांजगीर चांपा जिले के खोखरा के युवक कृष्णा आदित्य मछली पालन कर रहे हैं. मछली पालन कर रहे युवक कृष्णा आदित्य ने बताया कि वह 2020 से मछली पालन कर रहे हैं. मछली में लागत कम है और प्रॉफिट ज्यादा है. इसके साथ ही इसमें देखभाल भी ज्यादा नहीं करनी पड़ती है. मछली पालन के लिए उन्होंने दो तालाब बनाए हुए हैं और दोनो तालाब में मछली पालन के लिए बीज (छोटी मछली) डाले हुए हैं. वर्तमान में वह तेलापी और पेंगास प्रजाति का मछली पालन कर रहे हैं. कृष्णा आदित्य ने लोकल 18 को बताया कि अगर आप डेली सही समय मेंदाना डाल रहे हैं, तो ये 06 महीने में 01 किलोग्राम वजन का हो जाता है.
उन्होंने बताया कि तेलापी और पेंगास प्रजाति के मछली का बच्चा (बीज) लेने पर 4-5 रुपए नग में मिल जाता है. जिसका साइज फिंगर साइज का रहता है. कृष्णा ने Local 18 को बताया कि मछली पालन में प्रॉफिट बहुत ज्यादा है. छोटे रूप में अगर ये करेंगे, तो कम प्रॉफिट होगा और बड़े रूप में करेंगे, तो ज्यादा प्रॉफिट होगा. जितना बड़ा तालाब रहेगा, उतना ज्यादा पैसा मछली पालन से कमा सकते हैं.
दोनों तालाब में 10 हजार नग
कृष्णा ने बताया कि वर्तमान में उन्होंने दोनों तालाब में 5- 5 हजार नग डाले हैं. यह सभी 6 से 7 महीने में 1 किलो साइज (वजन) के हो जाएंगे. सभी मिलकर 8 से 10 क्विंटल हो जाएंगे. अगर प्रति किलोग्राम 50 रुपए भी बचत हुई, तो 50,000 रुपए का प्रॉफिट होगा.
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एक एकड़ में कम से कम में 4 से 5 लाख
अन्य मछली पालन करने वालों के लिए कृष्णा आदित्य ने बताया कि जितना बड़ा तालाब होगा, उतना ज्यादा मछली के बच्चे डाल सकते हैं. जैसे 1 एकड़ या 10 एकड़ का तालाब है, तो उससे काफी कमाई हो सकती है. उन्होंने कहा कि एक एकड़ में मछली पालन करने के लिए देखरेख बहुत कम लगता है. एक एकड़ में कम से कम में 4 से 5 लाख रुपए कमा सकते हैं. मछली पालन में ध्यान देने की बात यह है कि बस पानी की क्वॉलिटी को ध्यान में रखना है कि पानी खराब न रहे और पानी में अमोनिया गैस न बनें. बाकी इसमें देखरेख बहुत कम है. मिट्टी वाले तालाब के टैंक में ज्यादा ध्यान देना पड़ता है.
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 13:16 IST