मछली के साथ मुर्गी पालन कमाई का है बेहतर जरिया, ये किसान कमा रहा 7 लाख रुपए

दीपक कुमार/बांका: कुछ साल पहले तक खेती करना घाटे का सौदा माना जाता था, लेकिन अब यह परिपाटी बदलने लगी है. लोग अब न सिर्फ खेती-किसानी से जुड़ रहे हैं. खेती के जरिए ही किसान अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हो रहे हैं. आज हम बांका जिले के एक ऐसे ही किसान किसान की बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने तकनीक का समावेशन कर खेती को नया आयाम देने का काम किया है. बांका जिला के धोरैया प्रखंड अंतर्गत रणगांव पंचायत स्थित रहजोर मोरटंग्गा गांव निवासी नित्यानंद मांझी पिछले कई वर्षों से मुर्गी और मछली पालन के जरिए लाखों में कमाई कर रहे हैं. साथ ही अपने गांव के लोगों को रोजगार देने का भी काम कर रहे हैं.

मुर्गियों को पालने में विशेष देखभाल की पड़ती है जरुरत
किसान नित्यानंद मांझी बताते हैं कि पारंपरिक खेती में अधिक फायदा नहीं हो पा रहा था. दोस्तों ने बताया कि यदि मुर्गा के साथ मछली पालन करते हैं तो सालाना अच्छी कमाई कर सकते हैं. दोस्तों से सलाह लेने के बाद बाद 6 कट्ठे में 2000 क्षमता वाली तीन अलग-अलग शेड मुर्गियों को पालने के लिए बनाया. साथ ही एक बीघा में मछली पालन के लिए तालाब का निर्माण कराया.

तालाब में रेहू, कातल, मिरगन, ब्रिगेड सहित पांच प्रकार की मछलियों का पालन शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि मुर्गी पालन के लिए कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. मुर्गियां संवेदनशील होती है और बीमारी का खतरा अधिक रहता है. खासकर सर्दियों में विशेष देखभाल की जरुरत पड़ती है. जरा सी अनदेखी भारी पड़ सकता है. ठंड में मुर्गियों को गर्म रखने के लिए 6 हीटर और 200 वाट का बल्ब लगाना पड़ता है. वहीं गर्मियों में पंखा लगाना पड़ता है.

मछली और मुर्गी पालन से सालाना सात लाख की करते हैं कमाई
किसान नित्यानंद मांझी बताते हैं कि एक मुर्गी को तैयार करने में 25 से 30 दिन का समय लगता है. जिसमें साइज के अनुसार दाना खिलाते हैं. वहीं एक चुजे की कीमत 25 रुपए पड़ता है. सावा किलो तक करने में 80 रुपए खर्च होता है. जबकि लोकल बाजार में 100 रुपए किलो बिकता है.

उन्होंने बताया कि मछली पालन भी डॉक्टर की सलाह लेते रहते हैं. पानी में विषाक्त पदार्थ को खत्म करने के लिए दवाई छिड़काव करते रहते हैं. वहीं एक मछली को भी तैयार करने में करीबन 80 रुपए तक खर्च होता है. जबकि फिंगर साइज मछली तैयार करने में 250 से 300 रुपए खर्च होता है.

किसान नित्यानंद मांझी बताते हैं कि मछली और मुर्गी पालन काफी सावधानी बरतकर अच्छी-खासी कमाई कर सकते हैं. तालाब के किनारे कई फलदार पौधे भी लगाए हुए हैं. यह भी कमाई का बेहतर स्त्रोत है. उन्होंने बताता कि मछली और मुर्गी पालन से सालाना 7 लाख तक की कमाई कर लेते हैं.

Tags: Agriculture, Banka News, Bihar News, Local18

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *