नई दिल्ली. साल 1947 में देश का बंटवारा हुआ तो लाखों परिवार एक दूसरे से हमेशा-हमेशा के लिए अलग हो गए. कुछ भारत में रह गए तो कुछ पाकिस्तान चले गए. कुछ ऐसा ही दंश पाकिस्तान में रह रहे लोगों ने भी झेला. एक ऐसा ही परिवार आजादी के 75 साल बाद सउदी अरब के मक्का में मिल सका. एक यू-ट्यूबर की मदद से ऐसा संभव हो सका. पाकिस्तान में रह रही 105 वर्षीय हजरा बीबी के मुलाकात भारत के पंजाब के गुरदासपुर में रह रहे परिवार से हुई.
बंटवारे के वक्त भारतीय पंजाब से पाकिस्तान चली गई हजरा बीवी बीते करीब 17 महीने से गुरदासपुर में रह रहे अपने परिवार से मिलने की कोशिश कर रही थी. करीब डेढ़ साल पहले की दोनों परिवारों की पहली बार फोन पर बात हुई. अब हजरा ने अपनी बहन की बेटी हनीफा से मुलाकात की है. फोन पर हनीफा ने मौसी को बताया था कि उनकी मां का इंतकाल हो चुका है. छोटी बहन की मौत से हजरा को धक्का लगा. तब से ही दोनों आपस में मिलने के लिए प्रयास कर रहे थे. बीते 16 नवंबर को हज यात्रा के दौरान हजरा की हनीफा से मुलाकात हुई.
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करतारपुर कॉरिडोर से मिलने का प्रयास
पाकिस्तानी यूट्यूबर नासिर ढिल्लन ने हनीफा और हजरा बीबी की मुलाकात को सार्थक बनाया. इस काम में अमेरिका में रह रहे सिख पॉल सिंह गिल ने भी उनकी मदद की. पहले दोनों ने करतारपुर कॉरिडोर के माध्यम से मिलने का प्रयास किया. यह कॉरिडोर पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब और गुरदासपुर के गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक साहिब के बीच बनाया गया है. काफी प्रयास के बावजूद वो इस माध्यम से नहीं मिल पाए.
नहीं रोक पाए आंसू
इसके बाद नासिर ढिल्लन ने मक्का में दोनों की मुलाकात का प्लान बनाया. इस काम में पॉल सिंह गिल ने उनकी मदद की. दोनों ने अपने-अपने देश से मक्का में हज यात्रा के लिए आवेदन दिया. नासिर इस मुलाकात को कैमरे में कैद करने के लिए मक्का पहुंचे. मुलाकात का वीडियो उन्होंने यू-ट्यूब पर शेयर किया. हजरा और हनीफा के दूसरे से मिलते ही खुशी के मारे फूट-फूट कर रोते नजर आए. दोनों ने साथ मिलकर हज यात्रा पूरी की.
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FIRST PUBLISHED : November 21, 2023, 16:48 IST