मकर संक्रांति पर क्यों खाए जाते हैं तिल-गुड़ के व्यंजन? बेहद खास है वजह

 शिखा श्रेया/रांची. मकर संक्रांति आने में अब बस कुछ घंटे का वक्त बाकी है. ऐसे में कुछ लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता है कि इस दिन चूड़ा तिलकुट या गुड बादाम क्यों खाया जाता है. इस सवाल का जवाब देते हैं झारखंड की राजधानी रांची के जाने वाले ज्योतिष आचार्य व पंचवटी प्लाजा स्थित अग्रवाल रतन के ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे.

ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे ने कहा कि शास्त्र में इसका विशेष महत्व है. खासकर मकर संक्रांति के दिन सूर्य भगवान की उपासना होती है.  इस दिन सूर्य भगवान को तिल गुड़ चूड़ा दही जैसी चीज चढ़ाई जाती है. इसका कारण यह है कि इस समय इन चीजों का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है. इन चीजों को खाने से शरीर में गर्माहट आती है. इस समय अक्सर बेजोड़ ठंड पड़ती है, ऐसे में यह चीजें शरीर में जान फुकने का काम करती है.

तिल, गुड़ और चूड़ा के है कई फायदे
रांची के जाने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर वीके पांडे ने कहा कि तिल, गुड व चूड़ा के कई फायदे भी है. जैसे गुड़ में मैग्नीशियम व फास्फोरस जैसी चीजें पाई जाती है. जो शरीर में एनीमिया नहीं होने देगी. वहीं सफेद तिल में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाई जाती है. जिससे आपका हड्डी मजबूत होता है और गठिया जैसे रोगों में भी काफी आराम मिलता है. उन्होंने आगे कहा कि चूड़ा की बात करें तो उसमें प्रोटीन व कर्बस की अच्छी मात्रा होती है. जो आपको लंबे समय तक पेट भरा रखेगी और आपका वजन भी कंट्रोल रहेगा. इसमें कैलरी की मात्रा बहुत कम होती है. यह सारी चीजें खाने से शरीर में गर्माहट आती है. इसीलिए इसे सूर्य भगवान को भी अर्पित कर इसकी पूजा की जाती है.क्योंकि इस सीजन में यह सारी चीज होती है और यह शुद्ध भी होती है.इसीलिए मकर संक्रांति के दिन इन चीजों का सेवन करना शुभ माना जाता है.
(नोट- यह खबर आयुर्वेदिक डॉक्टर व ज्योतिष आचार्य द्वारा बातचीत कर लिखी गयी है.इसका लोकल 18 पुष्टि नहीं करता.)

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