मंदिर व आस्था को किया कलंकित, अब जेल में काटो सजा, गिड़गिड़ाता रहा आरोपी पर कोर्ट ने सुनाया फैसला

हाइलाइट्स

हनुमान मंदिर में दीया जलाने के लिए गई सात साल की बच्ची.
बच्ची की मासूमियत का लाभ उठाकर पुजारी ने किया था रेप.
फैसला आते ही कोर्ट में पश्चाताप की आग में जलने लगा दोषी.

गोपालगंज. मंदिर में दीया जलाने गयी बच्ची को हवास का शिकार बनाने वाले पुजारी को 20 साल की सजा सुनाई गई है. एडीजे छह सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो संजीव कुमार पांडेय की कोर्ट ने दोषी पाते हुए 20 के सश्रम कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड नहीं देने पर उसे छह माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भी काटनी पड़ेगी. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोषी से कहा, धर्म, आस्था, मंदिर को कंलकित किया. अब जेल में सजा भुगतो.

कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि समाज में ऐसे लोगों को खुले में रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती. कोर्ट में आरोपी गिड़गिड़ा रहा था. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो दारोगा सिंह तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता रविंद्र सिंह की दलीलों को सुनने व उपलब्ध साक्ष्यों को देखने के बाद कोर्ट ने सजा सुनाई.

तीन वर्ष में बचाव पक्ष से नौ गवाहों की हुए बयान
स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता रविंद्र सिंह ने नौ गवाहों के बयान को दर्ज कराया. जबकि पीड़ित बच्ची के बयान को सुनने व पुलिस की ओर से दिये गये साक्ष्य, चार्जशीट को देख कोर्ट ने पुजारी को दोषी पाते हुए सजा दी. फैसला आने के बाद दोषी पश्चाताप की आग में जलने लगा. उसके पैरों से जमीन खिसक गई थी. उसे लग रहा था कि अगर पाप नहीं किया होता तो सम्मान नहीं जाता.

हनुमान मंदिर के पुजारी ने किया था कलंकित
मीरगंज थाने के एक गांव की सात वर्षीया बच्ची मां के साथ अपने मामा के घर उचकागांव थाने के वृंदावन गांव में रह रही थी. 21अक्तूबर 2020 को शाम में वह गांव में स्थित हनुमान मंदिर में दीया जलाने के लिए गई हुई थी. इसी दौरान मंदिर का पुजारी तथा उसी गांव का निवासी रमैया शुक्ल मंदिर के पीछे ले जाकर उसके साथ दुराचार का प्रयास किया था. इसके बाद बच्ची घर आकर अपनी मां से पूरी बात बताई, जिसके बाद उसने महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

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