कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि मंदिरों और मस्जिदों में जाने से रोजगार सृजित नहीं होगें, बल्कि निवेश से नौकरियां आएंगी।
कमलनाथ ने यहां एक जनसभा में दावा किया कि राज्य में निवेश नहीं आता, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में किसी को इस पर विश्वास नहीं है।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “इन युवाओं को बिना काम के देखकर मुझे दुख होता है। वे मध्य प्रदेश का भविष्य हैं। यदि यह उनका भविष्य है, तो मध्य प्रदेश का भविष्य क्या होगा?’’
राज्य में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे।
कमलनाथ ने कहा, “वे एक ऐसे राज्य में रोजगार के अवसरों के बिना रह रहे हैं, जो भ्रष्टाचार और घोटालों से ग्रस्त है। उनके हाथ काम चाहते हैं और वह तब तक नहीं मिलेगा, जब तक राज्य में निवेश नहीं आएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर और मस्जिद जाने से रोजगार सृजित नहीं होंगे। निवेश से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, लेकिन युवाओं के लिए बनाई गई योजनाएं घोटाले वाली नहीं होनी चाहिए। यदि 50 प्रतिशत कमीशन कायम रहेगा, तो योजनाओं से क्या फायदा होगा।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि राज्य में निवेश नहीं आ रहा है, क्योंकि किसी को भी मध्य प्रदेश पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और केरल में उत्पाद बेचने वाले व्यवसायी हरियाणा और पंजाब में उद्योग स्थापित करते हैं।
कमलनाथ ने कहा, ‘‘जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैं उद्योगपतियों से बात करता था। वे कहते थे कि मध्य प्रदेश में प्रवेश करते ही उन्हें पैसे खर्च करने पड़ते हैं। मैंने मध्य प्रदेश के लिए एक नयी पहचान बनाना शुरू किया, लेकिन मेरी सरकार गिरा दी गई।’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि उन्होंने दिसंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाया।
कमलनाथ ने चुटकी लेते हुए कहा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 18 वर्षों में 22,000 वादे किए। उनकी वादा मशीन दोगुनी गति से चल रही है। उनकी झूठ बोलने की मशीन भी दोगुनी गति से चल रही है।
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