नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख एल मंडाविया ने बुधवार को न्यूज18 नेटवर्क और फेडरल बैंक हॉर्मिस मेमोरियल फाउंडेशन की ‘संजीवनी-यूनाइटेड अगेंस्ट कैंसर’ पहल की शुरुआत की. इस पहल में टाटा ट्रस्ट भी एक नॉलेज पार्टनर के रूप में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि यहां जो भी चर्चा हो रही है और उसके जो नतीजे होंगे, उसके बारे में मंत्रालय को जरूर बताएं.
मंडाविया ने कहा, “संजीवनी पहल से चर्चा और विचार-विमर्श को बढ़ावा मिलेगा. इस पर एक नोट हमें भेजें, ताकि हम लोगों से आने वाले सुझावों पर नज़र रख सकें. मोदी सरकार हितधारकों के परामर्श में विश्वास रखती है. सार्वजनिक भागीदारी भारत के स्वास्थ्य मॉडल का अभिन्न अंग है. अपने विचार हमारे साथ साझा करें, ताकि हम देश में बीमारियों से लड़ सकें.”
‘संजीवनी’ का उद्देश्य कैंसर महामारी के बारे में जागरूकता बढ़ाना और बातचीत को प्रोत्साहित करना और अक्सर इस बीमारी के साथ होने वाले डर को कम करना है. यह सहयोगात्मक प्रयास कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सभी महत्वपूर्ण पहलुओं, प्रारंभिक और लगातार स्वास्थ्य परीक्षण, ट्यूमर प्रबंधन और लक्षण पहचान के प्रति सकारात्मक भावनाओं को प्रेरित करना चाहता है. संजीवनी पहल व्यक्तियों को डर का सामना करने और कैंसर से सक्रिय रूप से लड़ने के लिए सशक्त बनाने और उसका समर्थन करने पर केंद्रित है.
India’s health model is different from the world as we have a thriving public participation in healthcare : @mansukhmandviya, Union Health Minister @AnchorAnandN | #TheRightStand | #Sanjeevani #UnitedAgainstCancer @FederalBankLtd @NovartisIndia @tatatrusts pic.twitter.com/WWgHt6GwoI
— News18 (@CNNnews18) September 27, 2023
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (आईसीएमआर-एनसीआरपी) के अनुसार, देश में कैंसर के मामलों की संख्या 2022 में 14.6 लाख से बढ़कर 2025 में 15.7 लाख होने का अनुमान है. इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर, कैंसर के 30% मरीज देर से पता चलने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं, जबकि 70% जागरुकता की मदद से जल्दी पता लगने के कारण राहत पा लेते हैं. दुर्भाग्य से, भारत में यह अनुपात उलटा है. इसलिए इसके आसपास मौजूद सामाजिक कलंक से लड़ना और शीघ्र पता लगाने के लिए परीक्षणों को लेकर झिझक का मुकाबला करना और भी जरूरी हो गया है.
‘स्वास्थ्य कभी भी राजनीतिक विषय नहीं हो सकता’
मंडाविया ने कहा, “समय के साथ, बीमारियों का पैटर्न बदलता है. स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बदलाव होते रहते हैं. इस क्षेत्र के प्रति समग्र दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है. स्वास्थ्य कभी भी राजनीतिक विषय नहीं हो सकता. हमने 2014 से स्वास्थ्य को विकास के साथ जोड़ दिया. एक संकेत के रूप में नहीं, बल्कि एक संपूर्ण संकेत के रूप में. केवल डिस्पेंसरी खोलने के बजाय, हमने स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने पर ध्यान केंद्रित किया.”
‘संजीवनी’ केवल एक ईवेंट नहीं है, यह राष्ट्रीय एजेंडा का एक हिस्सा है: केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया
मंडाविया ने कहा, “जब पीएम मोदी ने 15 अगस्त, 2022 को देश को संबोधित किया, तो उन्होंने कहा कि हमें एक विकसित देश बनना चाहिए. पंच प्राण में उन्होंने कहा कि हमें औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाना है, लेकिन अपने अतीत को संरक्षित भी करना है. देश को एक मानसिकता और एक लक्ष्य के साथ मिलकर आगे बढ़ने की जरूरत है. पीएम ने कहा, हर नागरिक को देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाना चाहिए. हमें प्रेरणा लेते हुए अपनी विरासत से प्रेरणा लेने की जरूरत है. दुनिया के लिए, स्वास्थ्य मॉडल वाणिज्य के बारे में है, लेकिन भारत के लिए, यह एक सेवा है। जब आप लोगों को प्रेरित करेंगे तो वे इसमें भाग लेंगे.”
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Tags: Mansukh Mandaviya, Sanjeevani, Sanjeevani Campaign
FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 22:14 IST