लाहौर. पाकिस्तान में संगीत के कलाकारों की एक पूरी जमात ने जन्म लिया है, जिसने पूरी दुनिया में अपनी कला का जादू बिखेरा है. इनमें नुसरत फतेह अली खान, गुलाम अली और राहत फतेह अली खान जैसे न जाने कितने नाम शामिल हैं. इसके बावजूद कुछ कट्टरपंथी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. समय-समय पर वे संगीत के लिए अपनी नफरत को दिखाते रहते हैं. ऐसी ही घटना एक बार फिर से पाकिस्तान के लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय में आयोजित संगीत कार्यक्रम के दौरान हुई. जब कट्टरपंथी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस्लामी नारे लगाते हुए संगीत समारोह में हिस्सा ले रहे लोगों पर पथराव किया.
इस घटना के बारे में बताया गया कि रविवार शाम लाहौर में पंजाब विश्वविद्यालय पत्रकारिता विभाग के बाहर हुई, जहां 180 से अधिक छात्र-छात्राएं और शिक्षक डिनर के लिए जमा हुए थे. विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी ने सोमवार को बताया कि एक छात्र पंजाब विश्वविद्यालय के संचार अध्ययन विद्यालय में अपने हार्मोनियम के साथ प्रख्यात गायक नुसरत फतेह अली खान के गीत पर प्रस्तुति दे रहा था. तभी कट्टरपंथी इस्लामी जमीयत तुलेबा (आईजेटी) के करीब 10 सदस्यों का समूह वहां पहुंचा और वहां मौजूद लोगों पर पथराव कर दिया.
कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे लोगों पर पथराव करने के साथ ही आईजेटी के हमलावरों ने इस्लामी नारे लगाए. विश्वविद्यालय के एक आधिकारी ने कहा कि इसके बाद वहां दहशत फैल गई और कार्यक्रम रोक दिया गया. उन्होंने कहा कि विभाग के कुछ वरिष्ठ संकाय सदस्यों ने ‘आरोपित छात्रों’ को पथराव करने से रोका. आईजेटी के कार्यकर्ता प्रतिभागियों को संगीत बजाने या संगीत का प्रदर्शन करने के खिलाफ चेतावनी दे रहे थे और कह रहे थे कि यह ‘गैर-इस्लामी’ है.
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बताया गया कि बाद में विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और आईजेटी समर्थकों को काबू कर लिया. पाकिस्तान में कट्टरपंथी तत्व लगातार सांस्कृतिक मामलों में हस्तक्षेप करते रहे हैं. उनका कहना है कि संगीत और कई सांस्कृतिक परंपराएं गैर इस्लामी हैं. इनको किसी भी मौके पर नहीं अपनाया जाना चाहिए. जबकि पाकिस्तान में स्थानीय सांस्कृतिक परंपराएं बहुत गहराई से अपनी जड़ें जमाए हुए हैं. जिसे लेकर हमेशा कुछ न कुछ विवाद होता रहता है.
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FIRST PUBLISHED : February 19, 2024, 18:12 IST