‘मंगलयान-चंद्रयान की सफल लॉचिंग हो गई, लेकिन ‘राहुल यान’ पिछले 20 साल से लॉन्च नहीं हो पा रही’, राजनाथ का तंज

Rajnath

ANI

राजनाथ ने साफ तौर पर कहा कि यह नए भारत की ताकत है, उसकी आवाज है, जो कहती है, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस वार करते हुए चुटकी ली।

राजस्थान में भाजपा की तीसरी ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा’ के उद्घाटन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी औक कांग्रेस पर जबरदस्त तरीके से तंज कसा है। उन्होंने कहा कि देश में मंगलयान और चंद्रयान की सफल लॉचिंग और लैंडिंग हो गई लेकिन ‘राहुल यान’ पिछले बीस साल से लांच नहीं हो पा रही है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि 1998 में भारत ने जो छलांग परमाणु परीक्षण करके लगाई थी उसी तरह की लंबी छलांग 23 अगस्त 2023 को मिशन चंद्रयान 3 की सफलता के साथ भारत ने एक बार फिर लगा दी है। उन्होंने कहा कि दुनिया हैरान है कि हालीवुड की बड़ी-बड़ी फिल्मों से भी कम बजट में भारत ने मंगलयान और चंद्रयान मिशन पूरे कर लिए है। 

 

कांग्रेस पर तंज

राजनाथ ने साफ तौर पर कहा कि यह नए भारत की ताकत है, उसकी आवाज है, जो कहती है, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस वार करते हुए चुटकी ली। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दबी आवाज से इस पर भी सवाल उठाने की कोशिश करती है लेकिन जब वह देश का मुख देखती है तो वह चुप्पी साध लेती है। उन्होंने कहा कि देश में मंगलयान और चंद्रयान की सफल लॉचिंग और लैंडिंग हो गई लेकिन कांग्रेस की ‘राहुल यान’ पिछले बीस साल से लांच नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ड्राइवर सीट पर बैठे तो है मगर गाड़ी का क्लच और एक्सीलेटर कोई और दबा रहा है। 

दुनिया को भारत पर भरोसा

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने जो काम किया है, जहां भारतवासी ही नहीं बल्कि दुनिया के बड़े-बड़े देश भी भारत को आशा, उम्मीद और हसरत भरी निगाहों से देख रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि जैसलमेर का यह इलाका मेरे दिल में विशेष स्थान रखता हैं क्योंकि यह पूरा क्षेत्र केवल मरू भूमि नही है बल्कि यह वीर भूमि और तपोभूमि होने के साथ-साथ भारत की अणु भूमि भी है। यहीं पास में स्थित पोखरण की धरती, एक नहीं पांच-पांच परमाणु परीक्षणों की साक्षी है। उन्होंने कहा कि इसी धरती पर 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान लोंगेवाला की लड़ाई भी लड़ी गई थी जिसमें भारत ने निर्णायक रूप से जीत हासिल की थी। 

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