परमजीत कुमार/देवघर. भगवान भोलेनाथ जिस भी भी भक्त पर प्रसन्न होते हैं. उस भक्त की जिंदगी खुशियों से भर जाती है. एक मंत्र ऐसा है जिसके जप से महादेव प्रसन्न होते हैं वो है महामृत्युंजय मंत्र. महा मिर्त्युजय का मंत्र भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने वाला खास मंत्र है. यह मंत्र आपको कई वेदों में मिल जाएगा.
फिर चाहे वो ऋग्वेद या यजुर्वेद हो. माना जाता है कि इस मंत्र के जाप से सभी तरह के शारीरिक कष्ट समाप्त हो जाता है. गंभीर से गंभीर बीमारी ख़त्म हो जाती है. इसके साथ ही अकाल मिर्त्यु का जो भय है वो भी समाप्त हो जाता है. तो आईये देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र से किन किन शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस मंत्र के समय किन किन सावधानियों को बर्तना चाहिए?
क्या कहते हैं ज्योतिषचार्य
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि महामृत्युंजय जाप से बड़े से बड़े रोगों का नाश किया जा सकता है. इसके साथ ही घर में अगर गृह क्लेश चल रहा है या तोकोई भी कार्य नहीं हो रहा है तो एक बार घर में महामृत्युंजय जाप अवश्य करवाएं. शिव पुराण में यह उल्लेख है कि इस मंत्र के जाप से मनुष्य की जिंदगी में सभी तरह की परेशानियां समाप्त हो जाती हैं. इसके साथ ही बीमारी में दवा काम नहीं कर रही है और व्यक्ति धीरे धीरे मौत के मुंह में जा रहा है तो व्यक्ति के नाम से पंडितों से महामृत्युंजय का जाप अवश्य करवाएं. इस मंत्र के जाप से यमराज भी डरते हैं.
महामृत्युंजय मंत्र के फायदे
व्यक्ति होता है दीर्घाऊ
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र के जाप से कई फायदे हैं. अगर पंडितों की ओर से सही तरीके से इस मंत्र का जाप किया जाए तो व्यक्ति दीर्घायु होता है.
आरोग्य…
इसके साथ ही इस मंत्र के जप से व्यक्ति ना सिर्फ दीर्घायु,. बल्कि आरोग्य भी होता है. बड़ी से बड़ी बीमारियों का नाश होता है.ज्योतिषआचार्य बताते हैं कि अगर व्यक्ति हार्ट ट्रांसप्लांट करा रहा हो या फिर कोमा में हो तो उसके नाम से महामृत्युंजय जाप कर दें. वह व्यक्ति जल्द ही स्वस्थ हो जाएगा.
संतान की प्राप्ति…
महामृत्युंजय जाप करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है और मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती हैं. इस मंत्र के जाप करने से संतान प्राप्ति भी होती है.
मंत्र जाप के दौरान रखें ये सावधानी
– जब आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें तो उस दौरान तामसिक भोजन बिल्कुल भी ना करें.
– इसके साथ ही मंत्र का जाप करते समय उच्चारण की शुद्धता रखें.
– महामृत्युंजय मंत्र का जाप निश्चित संख्या में ही करें.
– इसके साथ हीं रुद्राक्ष की माला पर ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
– महामृत्युंजय जाप करते समय मंत्र बाहर नहीं आना चाहिए. धीमे स्वर में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
– महामृत्युंजय मंत्र का जाप पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही करें.
– मंत्र जाप करते समय भगवान शिव के ऊपर जलाभिषेक करते रहना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : November 28, 2023, 12:24 IST