भोपाल में यहां उठा सकते हैं मिट्टी के चूल्हे पर बने लजीज़ खाने का लुत्फ

रितिका तिवारी/ भोपाल. भोपाल के मानव संग्रहालय में हाल ही में एक थाली इंट्रोड्यूस हुई है. जो की भील के ट्रेडिशनल खाने को दर्शाती है. ये थाली भील समुदाय की महिलाओं द्वारा ही बनाई जाती है. जिसमें मक्के की रोटी, बैगन का भरता, दाल, चटनी और गुड़ होता है. इसमें मौजूद हर चीज परंपरागत तरीके से बनाई जाती है.

मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ियों और गोबर के उपलों से चूल्हा जला कर खाना उसपर ऑथेंटिक तरीके से खाना बनाया जाता है. ये खाना स्वादिष्ट तो लगता ही है साथ ही स्वास्थ और पाचन के लिए भी ये बहुत ही अच्छा होता है. मानव संग्रहालय में प्रकृति के बीच बैठ कर भील के गांव का ये स्वाद लेना वाकई में बहुत अद्भुत है. भोपाल घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए भी ये एक आकर्षण का केंद्र है. यहां पर आप इस खाने को बनता हुआ भी देख सकते है. मात्र 120 रुपए की ये थाली मानव संग्रहालय के कैंटीन में मिल रही है.

कहां मिलती है ये थाली
मिट्टी के चूल्हे पर परंपरागत तरीके से भील समुदाय का खाना सर्व किया जा रहा हैं. ये खाना आपको शनिवार और रविवार को मानव संग्रहालय की कैंटीन में मिल जाएगा. जिसकी कीमत मात्र 120 रुपए है. इस थाली में आपको 2 बटर लगी हुई मक्के की रोटी मिलगी. इसके साथ चूल्हे पर ही बना हुआ बैगन का भरता और दाल भी आपको मिलेगा. इस पूरी थाली में आपको मक्के की रोटी के साथ बैगन का भरता, चटनी, गुड, और दाल मिल जायेगा. जो की काफी स्वादिष्ट होता है. प्रकृति के बीच में बैठ कर आप इसका लुफ्त उठा सकते है. आपको बता दें कि मानव संग्रहालय मानव विज्ञान संग्रहालय है, जहां पर आपको देश की अलग अलग संस्कृति और परंपरा देखने मिल जायेगी. ये श्यामला हिल्स पर स्थित है. आप गांव जैसा एहसास लेते हुए यहां पर गांव का खाना खा सकते हैं.

कैसे बनता है मिट्टी के चूल्हे पर खाना
मानव संग्रहालय की कैंटीन में सर्व किया जाने वाला ये खाना मिट्टी के चूल्हे पर बनता है. थाली में मौजूद अलग अलग चीजों को अलग अलग तरीके से मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है. बैगन का भरता बनाने के लिए पहले आग में बैगन को पकाया जाता है, जिसके बाद उसके ऊपर की परत हटा कर उसका चोखा बनाया जाता है. इसके बाद दाल को मिट्टी के बर्तन में रख कर पकाया जाता है. जिसकी वजह से उसमे गांव के खाने जैसा सौंधा पन आता है. इसके बाद इस थाली की सबसे मुख्य चीज तैयार की जाती है. जिसे काफी मेहनत से बनाया जाता है. मक्के की रोटी बनाने के लिए महिलाएं पहले आटे में गरम पानी डाल कर उसका आटा तैयार करती हैं. जिसके बाद उसे नरम हाथों से गूथा जाता है. आटा तैयार होने के बाद उसे हाथों की मदद से रोटी तैयार कर मिट्टी के तवे पर उसे सेका जाता है. जिसके बाद उसपर बटर लगा कर उसे सर्व किया जाता है.अगर आप भी भोपाल में गांव जैसा खाना ढूंढ रहे है तो ये आपके लिए बेस्ट जगह है. जहां पर गांव जैसे एनवायरमेंट में आप चूल्हे पर बना खाना खा सकते हैं.

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