भोपाल की साक्षी ने घर में ही बना दिया ‘मिनी फॉरेस्ट’, 450 से ज्यादा दुर्लभ पौधे शामिल, देखें VIDEO

विनय अग्निहोत्री/ भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहने वाली साक्षी भारद्वाज का पेड़ पौधों के प्रति इतना प्रेम है कि उन्होंने अपने घर में ही एक मिनी जंगल बना लिया है और उसका नाम रखा है जंगलवास. उनके इस मिनी जंगल की खास बात यह है कि इसमें पौधों को लगाने के लिए वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें नारियल के खोल, पुरानी बोतल और डिब्बे शामिल है.

साक्षी के इस मिनी जंगल में 450 प्रजातियां है, जिनके करीबन 4,000 पौधे शामिल है. जब हमने साक्षी से उनके इस शौक के बारे में बात की तो उन्होंने बताया की बचपन से ही उन्हें बागवानी करने का शौक था. इसी कारण उन्होंने प्रकृति को और करीब से समझने के लिए माइक्रोबायोलॉजी का कोर्स किया. जिसके बाद अलग-अलग पौधों के प्रति उनकी रुचि बढ़ी और उन्होंने इन्हें उगना शुरू किया.

सोशल मीडिया से फैलाती हैं जागरूकता
आपको बता दें कि साक्षी अलग-अलग पेड़ों की शाखाएं काटकर उसमें विभिन्न प्रजाति के पौधों की टहनी को जोड़कर एक नया पौधा बनाने का एक्सपेरिमेंट भी करती है. इसके अतिरिक्त वह खट्टे फलों के छिलके को इस्तेमाल करके बायोएंजाइम और नीम जैसे कड़वे पत्तों का इस्तेमाल करके इन्हें वर्मी कंपोस्ट के रूप में पौधों पर स्प्रे करती है. वह सोशल मीडिया पर लोगों को इंस्पायर करती हैं

मिनी जंगल में विदेशी किस्म के पौधे भी
साक्षी के इस जंगल में विदेशी किस्में भी शामिल है. जिनको उगाने की शुरुआत 2019 में की थी. जब सोशल मीडिया पर उन्होंने शहर के एक गार्डनिंग कम्युनिटी के बारे में पढ़ा. जहां उपयोगकर्ता मॉन्स्टरस और फिलोडेंड्रोन जैसे हाई ऑक्सीजन स्पीशीज पर चर्चा कर रहे थे. जिसके बाद उन्होंने अपना एक मिनी जंगल बनाने का सोचा और इन पौधों पर स्टडीज करके इन्हें उगाना शुरू किया.

मध्य प्रदेश स्वच्छ भारत मिशन की हैं एंबेसडर
बेस्ट ऑफ़ वेस्ट गार्डनिंग के चलते मध्य प्रदेश स्वच्छ भारत मिशन की एंबेसडर भी बनी आपको बता दें साक्षी को अब तक कई अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है जिसमें मध्य प्रदेश का पहला विवेकानंद स्टेट यूथ अवार्ड शामिल है. इतना ही नहीं वह मध्यप्रदेश के लिए स्वच्छ भारत मिशन की ब्रांड एंबेसडर भी है. साक्षी बताती है कि उनके यहां कई एग्रीकल्चर और पर्यावरण फॉरेस्ट्री प्रोग्राम चलाए जाते हैं ताकि जो भी स्टूडेंट बागवानी में रुचि रखता है वह इन प्रोग्राम में अपने आप को एनरोल करवा कर 6 महीने के कोर्स का हिस्सा बन सके. इसमे स्टूडेंट्स को न केवल पर्यावरण फॉरेस्ट्री का अध्ययन करवाया जाता है बल्कि साथ में जॉब के प्लेसमेंट भी करवाए जाते हैं ताकि वह इसमें अपना बेहतर कैरियर बना सके .

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