What is the most common memory loss disease: भूलना एक सामान्य बात है. वहीं अगर 40-50 साल से ऊपर के व्यक्ति को बार-बार भूलने की दिक्कत है तो उसे बुढ़ापे का लक्षण् मान लिया जाता है. अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो सावधान हो जाएं. इस तरह भूलना उम्र का नहीं बल्कि आपके ब्रेन में मौजूद गंभीर रोग का भी लक्षण हो सकता है. एक ऐसा रोग जो आगे चलकर डिमेंशिया या अल्जाइमर की खतरनाक स्टेज तक पहुंचा दे. दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज 40 की उम्र के आसपास बढ़ रहे इस रोग में योग से हो रहे फायदे को लेकर रिसर्च-स्टडी करने जा रहा है, अगर आपमें भी इस बीमारी के लक्षण हैं तो आप इस स्टडी का हिस्सा बन सकते हैं.
एम्स दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग की प्रोफेसर मंजरी त्रिपाठी कहती हैं कि शरीर के बाकी हिस्सों की तरह मस्तिष्क भी उम्र के साथ बदलता है. बहुत से लोग देखते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ वे अधिक भुलक्कड़ हो जाते हैं. किसी शब्द के बारे में सोचने या किसी व्यक्ति का नाम याद करने में अधिक समय लग सकता है. वे कोई फैसला नहीं कर पाते या किसी जाने-पहचाने रास्ते को भूल जाते हैं लेकिन अगर यही लक्षण सामान्य 35-40 की उम्र में भी दिखाई देने लगें तो यह सामान्य नहीं है.
इस प्रकार के लक्षण हो सकता है कि कुछ सगे संबंधी या परिजन नोटिस कर लें, मरीज खुद कर ले, या न भी करें क्योंकि इनसे रोजाना की दिनचर्या पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता है, लेकिन आगे चलकर यह गंभीर जरूर हो सकता है. अगर 40 या उसके आसपास की उम्र में आपमें भी ये लक्षा दिखाई दे रहे हैं तो आप एमसीआई यानि कि माइल्ड कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट बीमारी की गिरफ्त में हो सकते हैं.
एमसीआई देखने में सामान्य है लेकिन यह आपके अंदर कुछ समय में अल्जाइमर्स-डिमेंशिया या ब्रेन के अन्य गंभीर डिसऑर्डर्स का खतरा बढ़ा सकती है. ऐसे में अगर आपके अंदर ये लक्षण आ रहे हैं तो खुद के ऊपर ध्यान देना शुरू करें और स्थिति खराब होने से पहले चिकित्सक के पास जाएं.
ये हैं ब्रेन की इस बीमारी के लक्षण
. आप चीज़ें अक्सर भूल जाते हैं.
. आप अपॉइंटमेंट या सामाजिक कार्यक्रमों में जाने से चूक जाते हैं.
. आप अपने विचार की शक्ति खो देते हैं. या आप किसी किताब या फ़िल्म के कथानक को फॉलो नहीं कर पाते
. आपको कही गई बात तो फॉलो करने में परेशानी होती है.
. आपको फैसला लेने, कोई कार्य पूरा करने या निर्देशों का पालन करने में कठिनाई होती है.
. आपको उन जगहों पर रास्ता ढूंढने में परेशानी होने लगती है जिन्हें आप अच्छी तरह से जानते हैं.
. आप खराब फैसले लेने लगते हैं.
. आपके परिवार और दोस्तों को इनमें से कोई भी बदलाव नजर आता है.
. इनके अलावा डिप्रेशन, एंग्जाइटी, तनाव, गुस्सा और किसी चीज में रुचि न होने जैसी दिक्कत से भी जूझ सकते हैं तो आपको एमसीआई हो सकता है.
आपको हैं ये दिक्कतें, तो MCI की संभावना ज्यादा
. डायबिटीज
. स्मोकिंग की आदत
. हाई बीपी या हाई कॉलेस्ट्रॉल
. अनिद्रा, डिप्रेशन या एंग्जाइटी
. व्यायाम या सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा न लेना
एम्स ने माना इस बीमारी में योग है कारगर
एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग का मानना है कि ब्रेन की कई बीमारियों में योग काफी लाभदायक है. एम्स में हुई स्टडीज के अनुसार जहां अनिद्रा में योग निद्रा बेहद फायदेमंद है, वहीं एमसीआई में योग और ध्यान की कई अवस्थाएं कारगर हो सकती हैं.
एम्स में हो रही स्टडी, करा सकते हैं नामांकन
एम्स के एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर रीमा दादा कहती हैं कि एमसीआई और अल्जाइमर्स जैसे रोग में पिछली कई स्टडीज में योग काफी उपयोगी साबित हुआ है. इस बार अल्जाइमर्स डिमेंशिया में योग की अवस्थाओं, सूक्ष्म व्यायाम, डीप ब्रीदिंग, नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, पांच आसन और ध्यान पर रिसर्च-स्टडी की जा रही है. एमसीआई या मेमोरी डिफेक्ट वाले 45 साल से ऊपर के मरीज इसके लिए नामांकन करा सकते हैं.
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Tags: AIIMS, Health, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : September 12, 2023, 21:00 IST