प्रतिदिन लोग अपने घर में भगवान की पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें प्रसन्न करने के लिए भोग लगाते हैं. लोग अपने घरों में बनने वाले भोजन को ही भगवान को भोग के रूप में अर्पित कर देते हैं, और उसके बाद उसे प्रसाद स्वरूप स्वयं भी ग्रहण करते हैं. (रिपोर्ट : गुलशन कश्यप/जमुई)
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