पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुए हैं और दो दिन बाद भी पूरे नतीजे नहीं आ पाए हैं। ऐसी व्यवस्था से और क्या उम्मीद की जा सकती है। खबर लिखे जानें तक 265 में से 255 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। सबसे आगे इमरान खान के निर्दलीय उम्मीदवार हैं जो अब तक 100 सीटें जीत चुके हैं। इसके अलावा नवाज शरीफ की मुस्लिम लीग है जिसके पास 73 सीटें हैं। बिलावल भुट्टो की पीपीपी को 54 सीटें मिली हैं। चौथे नंबर पर अल्ताफ हुसैन की एमक्यूएमपी है, जिसके पास 17 सीटें हैं। नतीजों से साफ हो चुका है कि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिली है। ऐसे में सभी पार्टियां सरकार बनाने के लिए जोड़-तोड़ में लगी हैं। नवाज शरीफ की कोशिश है कि किसी भी हाल में सरकार वहीं बनाए, जबकि बिलावल चाहते हैं कि वो गद्दी पर बैठे। ऐसे में सरकार बनाने का क्या गुणा-गणित हो सकता है वो आपको बताते हैं।
मिलकर बनाएंगे सरकार
चुनाव परिणाम अभी पूरे आए ही नहीं थे कि नवाज शरीफ ने सरकार बनाने को लेकर अपनी तरफ से दावेदारी जता दी थी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि मैंने शहबाज शरीफ को कह दिया है कि वो जरदारी साहब और मौलाना फजुलर रहमान साहब से मुलाकात करें। एमक्यूएम से मुलाकात करें कि हम सब मिलकर इस भंवर से निकाले। संभव है कि नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएलए और बिलावल की पार्टी पीपीपी मिलकर सरकार बनाए। यानी पाकिस्तानी पॉलिटिकल लीग में सीटों का शतक लगाने के बावजूद इमरान खान मैच हार चुके हैं। आर्मी चीफ मुनीर जो चाहते थे पाकिस्तान में वही हो रहा है। सेना ने साम, दाम, दंड, भेद के साथ इमरान को अपनी गूगली में फंसा लिया है।
कौन बनेगा सेना का प्यादा
सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि पाकिस्तान के वजीर-ए-आला कौन बनेगा? आसिफ अली जरदारी की पूरी प्लानिंग बिलावल को प्रधानमंत्री बनाने की है। शहबाज शरीफ के साथ हुई बैठक में जरदारी ने इस मुद्दे पर भी चर्चा की है। पाकिस्तान में नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली में 265 में से 134 सीटें जीतनी जरूरी हैं। लेकिन इस आंकड़े को कोई भी पार्टी अकेले दम पर छू नहीं पाई। ऐसे में नवाज की मुस्लिम लीग और बिलावल की पीपुल्स पार्टी साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। लेकिन सरकार बनेगी कैसे वो भी आपको बता देते हैं। अब तक नवाज की पार्टी को 73 सीटें मिली हैं, वहीं पीपीपी के हिस्से में 54 और फजलुर रहमान की जेयूआईएफ को दो सीटों पर जीत मिली है। गठबंधन के बाद ये आंकड़ा 129 का हो जाता है। ऐसे में इस गठबंधन को पांच सीटों की और दरकार होगी। पाकिस्तान में अभी दस सीटों के नतीजे आने बाकी हैं।
निर्दलियों को साथ आने का न्यौता
गठबंधन को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए नवाज शरीफ ने तैयारी पहले ही कर ली है। रिजल्ट आने से पहले ही आवाम के पास पहुंचकर नवाज शरीफ ने इमरान समर्थित उम्मीदवारों पर डोरे डालने शुरू कर दिए। उन्होंने कहा कि हम सभी पार्टियों को मिले जनादेश का सम्मान करते हैं। चाहे वो आजाद कैंडिडेट हो। हम सभी को मिलकर साथ आने और पाकिस्तान को मुश्किल से निकालने के लिए साथ काम करने का न्यौता देते हैं। आर्मी का सपोर्ट मिलने की वजह से नवाज शरीफ और उनकी पार्टी जीत को लेकर जोश से भरी हुई नजर आई। लेकिन इमरान समर्थकों की धुआंधार जीत से नवाज का कॉन्फिडेंस डगमगा गया।