प्रिंस भरभूँजा/छतरपुर: छतरपुर जिले के बजाना क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध भीमकुंड धाम में आज भी नीला पानी है. इस कुंड की गहराई आज तक कोई नहीं नाप पाया है. दुनिया के बड़े-बड़े गोताखोर और अनुसंधान टीमें इस स्थान की रहस्यमयी गुत्थी को आज भी नहीं सुलझा पाई है. डिस्कवरी चैनल से भी तमाम विशेष खोज टीम यहां पर आ चुकी है लेकिन कोई भी इस गुथी को नहीं सुलझा पाया है.
भीमकुंड को बताया बुंदेलखंड की धरोहर
ऐसे में भीमकुंड के दर्शन करने पहुंचे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बुंदेलखंड की धरोहर के रूप में भीमकुंड को प्रमुख स्थान दिया है. उन्होंने कहा है कि सनातन की जड़े कितनी गहरी है इस बात का अंदाज़ा इस से लगाया जा सकता है. सनातन धर्म बेहद गौरवशाली है. उन्होंने ये भी बताया कि भारत जल्द ही हिंदू राष्ट्र बनेगा.
भीमकुंड की महाभारत काल से जुड़ी मान्यता
भीमकुंड की महाभारत काल से मान्यता जुड़ी है. पौराणिक कथाओं में भीमकुंड को लेकर बताया गया था कि पांडव जब वनों में घूम रहे थे तभी पांडवों को प्यास लगी थी और भीम ने अपने गदा के प्रहार से इस कुंड का निर्माण किया था. बस तभी से इस स्थान को भीम कुंड के नाम से जाना जाता है.
.
FIRST PUBLISHED : September 13, 2023, 23:25 IST