भिंड में कांग्रेस-भाजपा में होगी टक्कर, क्या मुकाबले को त्रिकोणीय बनाएगी बसपा?

भिंड. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में गोहद में कांग्रेस से रणवीर जाटव और भाजपा से लाल सिंह आर्य के बीच मुकाबला हुआ था. रणवीर जाटव ने 62,981 मत पाकर आसानी से चुनावी मैदान में बाजी मार ली थी. वहीं भाजपा के लाल सिंह आर्य को 38,992 मत मिल पाया था. आर्य को 23,989 मतों से शिकस्त मिली थी. 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर विधायक रणवीर ने भी इस्तीफा दिया और भाजपा में चले गए.

इसके परिणामस्वरूप 2020 में उपचुनाव हुआ. इस बार कांग्रेस के मेवराम जाटव ने कमान संभाली और रणवीर जाटव भाजपा की ओर से मैदान में आ गए. गोहद के मतदाताओं ने कांग्रेस के मेवाराम जाटव को 63,643 वोट दिए और भाजपा के रणवीर जाटव मात्र 51,744 वोट पाकर पिछड़ गए. गोहद में उज्जैन, भिंड, ग्वालियर के लोग पहुंचकर चुनाव लड़ते रहे हैं. मेवाराम पहले ऐसे विधायक हैं जो गोहद के ही निवासी हैं.

गोहद में 15 बार के विधानसभा चुनावों में आठ बार भारतीय जनता पार्टी के विधायक बने. पांच बार कांग्रेस के विधायक चुने गए. इस सीअ पर एक-एक बार मतदाताओं ने बहुजन समाज पार्टी एवं प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के विधायक को भी विधानसभा भेजा. 1962 में रामचरण लाल थापक, प्रजा सोशलिस्ट पार्टी विधायक बने थे. 1993 में बहुजन समाज पार्टी के चतुरीलाल बराहदिया विधायक चुने गए थे. 1998 और 2003 में भाजपा के लाल सिंह आर्य, 2008 में कांग्रेस के माखनलाल जाटव, 2009 में कांग्रेस के रणवीर जाटव विधायक रहे थे.

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