भारत से सीखो, कितना बढ़िया सिस्टम है… नोबेल पुरस्कार विजेता ने किसे दी नसीहत

नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार विजेता मोर्टन मेल्डल ने भारत और मोदी सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की है. इनोवेशन प्रोजेक्ट को सुविधाजनक बनाने और फंडिंग करने में जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) द्वारा निभाई गई भूमिका को रेखांकित करते हुए भारत के रिसर्च फंडिंग इकोसिस्टम यानी अनुसंधान वित्त पोषण पारिस्थितिकी तंत्र की सराहना की है. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में 2022 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले मेल्डेल ने कहा कि पश्चिमी देश भारत से सीख सकते हैं क्योंकि पश्चिम में रिसर्च (अनुसंधान) के लिए फंडिंग एजेंसियां स्वतंत्र हैं और बहुत अच्छी तरह से समन्वित नहीं हैं.

दरअसल, नोबेले पुरस्कार विजेता मेल्डेल भारत दौरे पर हैं. उन्होंने शुक्रवार को जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) का दौरा किया. बता दें कि यह बीआईआरएसी जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है. मेल्डेल ने कहा, ‘बीआईआरएसी भारत में नवाचार के लिए एक संगठन है. मुझे लगता है कि आपने यहां एक ऐसे व्यापक संगठन को संगठित करने में जो किया है, वह वास्तव में काफी प्रभावशाली है. इस पूरे इनोवेशन प्रोसेस को इस संगठन द्वारा बहुत सुविधा प्रदान की गई है. और इसका सरकार से सीधा संबंध है.’

मेल्डल ने आगे कहा, ‘इसलिए मुझे लगता है कि यह भारत में एक महत्वपूर्ण नई बात है, जिसे हम भारत से पश्चिमी देशों में सीख सकते हैं, पश्चिम देशों में फंडिंग एजेंसियां एक तरह से स्वतंत्र संस्थाएं हैं, जिनका समन्वय बहुत अच्छी तरह से नहीं है. इसके अलावा, इसके आसपास के सभी रेगुलेशन्स भी समन्वित नहीं हैं. हम निश्चित रूप से यहां भारत से इससे सीख सकते हैं.’ बता दें कि मेल्डल को ‘क्लिक केमिस्ट्री और बायो-ऑर्थोगोनल केमिस्ट्री’ के अभूतपूर्व विकास के लिए रसायन विज्ञान में संयुक्त रूप से 2022 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

यह पूछे जाने पर कि भारत और डेनमार्क विज्ञान के क्षेत्र में कैसे सहयोग कर सकते हैं, मेल्डल ने कहा कि दोनों देश रसायन विज्ञान में वैश्विक शिक्षा प्रदान कर सकते हैं. वैज्ञानिक मेल्डल ने कहा, कि मुझे लगता है कि यह बहुत अच्छा होगा, अगर हम भारत सहित अन्य देशों के साथ मिलकर काम कर सकें कि हम रसायन विज्ञान में वैश्विक शिक्षा कैसे बना सकते हैं. शुक्रवार को मोर्टन मेल्डल ने केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और फार्मास्यूटिकल्स में द्विपक्षीय सहयोग और स्कूली बच्चों के बीच रसायन विज्ञान अध्ययन को बढ़ावा देने पर चर्चा की.

बता दें कि 2024-25 के बजट भाषण में हरित विकास को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैव-विनिर्माण और बायो-फाउंड्री की एक नई योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव किया है. यह योजना प्राकृतिक रूप से सड़नशील बहुलक, जैव-प्‍लास्टिक, बायो-फार्मास्‍युटिकल्‍स और बायो-एग्री-इनपुट जैसे पर्यावरण के अनुकूल विकल्‍प उपलब्ध कराएगी.

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