
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह
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पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा से सादाबाद विधानसभा क्षेत्र में खुशी की लहर है। पूर्व पीएम सादाबाद को मिनी छपरौली बताते थे। लोग सरकार के इस निर्णय की खूब तारीफ कर रहे हैं।
सादाबाद हमेशा से जाट बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है। पहले यह विधानसभा मथुरा जिले के अंतर्गत आती थी। चौधरी चरण सिंह 1972 में मानिकपुर में भारतीय क्रांति दल के प्रत्याशी रामप्रकाश यादव के प्रचार लिए आए थे। चुनाव में रामप्रकाश यादव की जीत हुई थी। 1984 में आगरा से राया जाते समय सादाबाद चौराहा पर लोगों से कहकर गए कि यह छोटी छपरौली है। राया से मथुरा में हो रही सभा को संबोधित करने चले गए। इस चुनाव में छाबी मिंया चुनाव जीते थे। कांग्रेस के प्रत्याशी की हार हुई थी। इसके बाद कभी भी कांग्रेस का प्रत्याशी इस सीट से जीत नहीं पाया। जब चौ. चरण सिंह ने भारतीय क्रांति दल के नाम से पार्टी बनाई, उस समय वह अपनी पार्टी के प्रसार के लिए 1972 में सहपऊ के गांव मानिकपुर आए थे। उनका कहना था कि जब जिले का डीएम अपनी कुर्सी से खड़ा होकर किसान से हाथ मिलाएगा तब मैं समझूंगा कि किसान का सम्मान हो रहा है।
चौ. चरण सिंह के नाम से जारी हुआ था डाक टिकट
सरकार के निर्णय पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष शैलेंद्र वार्ष्णेय सराफ ने भी हर्ष व्यक्त किया है। डाक टिकट संग्रहक के रूप में उन्होंने चौधरी चरण सिंह का भी डाक टिकट संग्रहीत किया है। वार्ष्णेय ने कहा कि सादा जीवन उच्च विचार अपनाने वाले चौधरी साहब ने सारा जीवन किसानों के हित में समर्पित कर दिया। एक प्रशासक के तौर पर वह बेहद सिद्धांतवादी और अनुशासन प्रिय माने जाते थे। वह कुशल लेखक के साथ कृषकों के शुभचिंतक थे। उनके सम्मान में 1990 में भारत सरकार ने एक रुपये कीमत का डाक टिकट चलाया है।
1982 में चौ. चरण सिंह ने सिकंदराराऊ में की थी सभा
पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह ने वर्ष 1982 में लोकदल प्रत्याशी सुरेश प्रताप गांधी के समर्थन में जनसभा की थी। हालांकि गांधी चुनाव हार गए थे, लेकिन पूर्व पीएम को भारत रत्न मिलने की घोषणा के बाद उनके अनुयायियों की जनसभा से जुड़ी पुरानी यादें फिर ताजा हो गई हैं। बता दें 1982 में विधानसभा चुनाव में लोकदल से चौधरी चरण सिंह ने सुरेश प्रताप गांधी को प्रत्याशी घोषित किया था। उस समय वीरबहाद़ुर सिंह मुख्यमंत्री थे। उन्होंने फिल्म निर्देेशक केपी सिंह की बहन पुष्पा चौहान को प्रत्याशी बनाया था। क्रीड़ास्थल में हुई बड़े चौधरी की सभा में भारी भीड़ उमड़ी थी।