राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब जल्द ही यात्रियों को नई सुविधाएं मिलेंगी। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों का आवागमन अब और अधिक विश्वस्तरीय होने जा रहा है, जहां यात्रियों को चैकिंग कराने के लिए घंटों तक लाइनों में नहीं लगना होगा। सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान यात्रियों को बैग से लैपटॉप, मोबाइल फोन समेत अन्य सामान निकालने की जरुरत नहीं होगी।
जानकारी के मुताबिक देश के सभी बड़े हवाईअड्डों पर फुल बॉडी स्कैनर और कंप्यूटेड टोमोग्राफी एक्स रे मशीन लगाने का काम शुरू होगा। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी इन मशीनों को लगाना जाना है। विशेष श्रेणी के यात्री यानी व्हीलचेयर का उपयोग करने वाले इन फुल-बॉडी स्कैनर मशीनों से नहीं गुजर सकेंगे। ऐसे यात्रियों की स्कैनिंग के लिए डोर प्रेम मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे।
बता दें कि ये स्कैनर विश्व स्तर पर कई हवाई अड्डों पर पहले से ही मौजूद हैं, मेटल डिटेक्टर और मैनुअल फ्रिस्किंग की तुलना में यात्रियों की तेजी के साथ चेकिंग करने में सक्षम है। CTX स्कैनर का उपयोग केबिन या कैरी-ऑन बैगेज की स्क्रीनिंग के लिए किया जाता है और यात्रियों को स्क्रीनिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और तरल पदार्थों को अलग से अलग करने की आवश्यकता नहीं होती है। इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन दोनों ही मशीनों के लगने के बाद माना जा रहा है कि प्रस्थान के लिए यात्रियों की सुरक्षा जांच में लगने वाले समय में कमी आएगी। भारी भीड़ वाले बड़े हवाई अड्डों पर बॉडी और सीटीएक्स स्कैनर न केवल भीड़भाड़ को कम करेंगे और देरी को कम करेंगे, बल्कि मेटल डिटेक्टर और मैनुअल फ्रिस्किंग की तुलना में अधिक पूर्ण और व्यापक सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगे। ऐसा होने से एयरपोर्ट पर होने वाली यात्रियों की भीड़ में भी कमी देखने को मिल सकती है।
बता दें कि इस साल की शुरुआत में बीसीएएस ने सालाना 1 करोड़ से अधिक यात्रियों और 50 लाख यात्रियों को संभालने वाले सभी हवाई अड्डों को 31 दिसंबर तक फुल बॉडी स्कैनर और सीटीएक्स स्कैनर स्थापित करने का निर्देश दिया था। हालाँकि कुछ प्रावधान बनाए जानें के कारण प्रक्रिया में देरी हुई है। पहला स्कैनर अब मई तक आईजीआई हवाई अड्डे से शुरू होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि जीएमआर द्वारा संचालित आईजीआई हवाईअड्डा भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में इसने 6.5 करोड़ से अधिक यात्रियों को संभाला और फाइनेंशियल ईयर 24 के लिए, यात्रियों की संख्या 7 करोड़ के पार हो सकती है।
बता दें कि हवाईअड्डे पर एक विस्तार परियोजना भी चल रही है, जिससे जल्द ही इसकी वार्षिक यात्री प्रबंधन क्षमता 10 करोड़ से अधिक हो जाएगी। हवाई अड्डा के व्यापार संघ, एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल द्वारा दिल्ली हवाई अड्डे को 2022 के लिए विश्व स्तर पर दस सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में स्थान दिया गया था। बता दें कि इन मशीनों की स्थापना हर एयरपोर्ट पर धीरे धीरे की जाएगी। मशीनों को विदेशी निर्माताओं के साथ अनुबंध के माध्यम से हवाईअड्डा ऑपरेटरों द्वारा खरीदा जा रहा है। कुछ हवाई अड्डों ने बीसीएएस से 31 दिसंबर की समय सीमा पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था क्योंकि वे अभी भी सीटीएक्स स्कैनर की अपनी आवश्यकता और हवाई अड्डे के टर्मिनलों पर मशीनों को स्थापित करने के तौर-तरीकों पर निर्णय लेने की प्रक्रिया में थे। दरअसल भारत में हवाई यात्रियों की संख्या में अधिक बढ़ोतरी होने के कारण भीड़भाड़ वाले हवाई अड्डों पर इन मशीनों की शीघ्र स्थापना की आवश्यकता महसूस की जा रही है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के यात्री यातायात आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में देश में सात हवाई अड्डे ऐसे थे जहां एक करोड़ से अधिक यात्रियों की उपस्थिति दर्ज हुई है जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद शामिल है। वित्त वर्ष 2023 में 50 लाख से 1 करोड़ यात्रियों को संभालने वाले हवाई अड्डों में गोवा, लखनऊ, गुवाहाटी, कोच्चि और पुणे शामिल हैं।