भारत में डेमोक्रेसी का अंत…Dhruv Rathee ने अपने वीडियो में ऐसा क्या कहा, जिससे मचा बवाल

Dhruv Rathee

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ध्रुव राठी ने 30 मिनट का वीडियो बनाकर बताया कि कैसे पीएम मोदी तानाशाह हैं और पेड ट्वीट्स के जरिए इसे प्रमोट करने के लिए लाखों खर्च किए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में डेमोक्रेसी खत्म हो चुकी है।

यूट्यूबर ध्रुव राठी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक विवादित वीडियो अपलोड किया है जिसमें उन्होंने भारत की तुलना उत्तर कोरिया से की है। उन्होंने चुनाव आयोग के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए। ध्रुव राठी अपने वीडियो की शुरुआत में पूछते नजर आ रहे हैं कि क्या हमारे देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। ध्रुव राठी ने 30 मिनट का वीडियो बनाकर बताया कि कैसे पीएम मोदी तानाशाह हैं और पेड ट्वीट्स के जरिए इसे प्रमोट करने के लिए लाखों खर्च किए। उन्होंने कहा कि हमारे देश में डेमोक्रेसी खत्म हो चुकी है। आपमें से कई लोग इस सवाल को सुनकर नहीं में जवाब देंगे। हम जिस राजनीतिक पार्टी को चाहे वोट दे सकते हैं। जिस राजनीतिक पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं और वो पॉवर में आता है तो डेमोक्रेसी तो है हमारे देश में। 

मीडिया से विपक्ष की आवाज को खत्म कर देना। विधायकों की खरीद-फरोख्त, नए कानून बनाकर चुनी हुई सरकारों से पॉवर छीन लेना। ईडी-सीबीआई का प्रेशर बनाकर विपक्षी नेताओं को जेल भेज देना। गवर्नर के इस्तेमाल के जरिए राज्य सरकारों में हस्तक्षेप। जनता से प्रदर्शन का अधिकार छीन लेना। इसके बाद अपने वीडियो में ध्रुव राठी ने नॉर्थ कोरिया के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी चुनाव होते हैं और 100 % वोटर टर्नआउट देखने को मिलता है। राठी ने इस वीडियो में बताया कि अगर आप सरकार के द्वारा चुने गए कै़डिडेट के लिए वोट नहीं डालोगे तो आपको एंटी नेशनल माना जाता है। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया की कुछ खबरों का रिफरेंस देते हुए ये साबित करने की कोशिश की कि ऐसी स्थिति में आपका जॉब और घर छीन लिया जाता है। यू्यूटूबर यही नहीं रूके उन्होंने डेमोक्रेसी शब्द का जिक्र करते हुए कहा कि ये शब्द तो नार्थ कोरिया में भी आता है। नार्थ कोरिया को डेमोक्रिटिन पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया यानी डीपीआरके कहकर पुकारा जाता है। लेकिन वास्तविक में ये एक तानाशाह देश है। 

अब वही लोग इस जर्मन चरवाहे के वीडियो को प्रचारित कर रहे हैं जिसने अक्षय कुमार को कनाडाई कहकर उनका मजाक उड़ाया था और एनआरआई को भारतीय मामलों में न बोलने के लिए कहा था उन्होंने नौकरियों, बुनियादी ढांचे, मुद्रास्फीति आदि के बारे में बात नहीं की, क्योंकि उन्हें पता था कि इन विषयों पर उनके झूठ को संख्याओं और तथ्यों के साथ आसानी से खारिज किया जा सकता है। इस वीडियो को देखने के बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स सरकार से इस वीडियो पर एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। अधिकांश लोगों का कहना है कि ध्रुव राठी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब की है। कुछ लोगों ने सरकार से इस वीडियो को डिलीट करने की मांग की है। 

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