भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने रविवार को कहा कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए कुपोषण जैसी समस्याओं से निपटने की जरूरत है और मानव पूंजी की अपनी सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।
यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) में उनके द्वारा सह-लिखित पुस्तक पर एक संवाद सत्र में उन्होंने पूछा कि जब कुपोषण मौजूद है तो देश कैसे विकसित हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम 2047 तक एक विकसित, समृद्ध देश बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं इसे एक उदाहरण के साथ कहना चाहूंगा कि आज 35 प्रतिशत कुपोषण के साथ आप जब 2047 तक एक विकसित समृद्ध देश बनने के बारे में बात कर रहे हैं तोनिश्चित रूप से मजाक कर रहे होंगे।’’
उन्होंने कहा, जो बच्चे अभी कुपोषण से पीड़ित हैं वे 10 साल बाद श्रम बल में शामिल होंगे।
उन्होंने बड़े पैमाने पर उचित प्रशिक्षण देकर देश में मानव पूंजी के पोषण पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें भारत की सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति इसकी मानव पूंजी पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमारे पास दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक 1.4 अरब लोग हैं।
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