भारत के बाद जापान ने भी रचा इतिहास, चांद पर लैंड करने वाला 5वां देश बना

हाइलाइट्स

जापान के मून मिशन ने 25 दिसंबर को चांद की कक्षा में प्रवेश किया था.
जापान से पहले भारत, अमेरिका, रूस और चीन चांद पर अपनी मौजूदगी दर्ज कर चुके हैं.

नई दिल्‍ली. जापान का मून मिशन चंद्रमा पर सफलता के साथ लैंड कर गया है. अमेरिका, रूस, चीन और भारत के बाद जापान अब चंद्रमा पर उतरने वाला पांचवां देश बन गया है. जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXAने कहा कि उसके स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की है. जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने लक्ष्य के 100 मीटर (328 फीट) के भीतर मून स्नाइपर नामक प्रोब की लैंडिंग का प्रयास किया है. जापान की स्पेस एजेंसी ने कहा है कि यह सत्यापित करने में एक महीने तक का समय लगेगा कि एसएलआईएम ने सटीक लक्ष्य हासिल कर लिए हैं या नहीं.

जापान का मून  मिशन स्नापर 25 दिसंबर को चांद के ऑर्बिट में दाखिल हुआ था. इसे बाद से ही ये चांद के चक्‍कर काट रहा था और धीरे-धीरे सतह की तरफ बढ़ रहा था. JAXA का कहना है कि स्नाइपर अब तक हुए मून मिशन्स में लैंडिंग के लिहाज से सबसे एडवांस्ड तकनीक से लैस है. चांद के इक्‍वेटर पर रडार से लैस स्लिम लैंडर शुक्रवार को लैंड हुआ.

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चांद पर क्‍या खोजेगा JAXA का मून स्नाइपर?
मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर JAXA के मून मिशन का मकसद क्‍या है? चांद पर जापान स्‍पेस एजेंसी का लैंडर उतर कर कौन सी खोज करने वाला है? CNN की एक‍ रिपोर्ट के मुताबिक मून मिशन स्नापर का लक्ष्‍य चांद के शिओली क्रेटर यानी वहां मौजूद गड्ढाें की जांच करना है. बताया जाता है कि चांद के सी ऑफ नेक्टर हिस्से में ज्‍वालामुखी फटा था. JAXA का काम यहां ये शोध करना है कि आखिर चांद की उत्‍पत्ति कैसे हुई. मून स्नाइपर चांद पर मिनरल्स की जांच कर उसके ढांचे और अंदरूनी हिस्सों के बारे में जानकारी जुटाएगा. जापान स्‍पेस एजेंसी के इस मिशन में करीब 102 मिलियन डॉलर खर्च आने की बात बताई जा रही है.

Tags: Japan News, Mission Moon, Space news

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