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- India’s Economy Claims To Reach 4 Trillion Dollars ; Many BJP Leaders Including Devendra Fadnavis Shared The Screenshot, No Information From The Government
नई दिल्ली9 घंटे पहले
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प्रतीकात्मक फोटो।
आज रविवार को सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था (GDP) को पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर यानी 4 लाख करोड़ डॉलर के पार निकलने का दावा किया जा रहा है। इस स्क्रीनशॉट को रवींद्र जडेजा की पत्नी और भाजपा विधायक रिवाबा जडेजा, देवेंद्र फडणवीस और अर्जुन राम मेघवाल सहित कई BJP नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया है।
इसके अलावा भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी ने भी भारत के 4 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने पर बधाई दी है। हालांकि, बाद में उन्होंने इस पोस्ट को डिलीट कर दिया। आधिकारिक तौर पर भी सरकार की ओर से इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। वहीं 9 नवंबर को जारी स्टेटिस्टा के आंकड़ों के मुताबिक, भारत की GDP 3.73 ट्रिलियन डॉलर यानी 3.73 लाख करोड़ डॉलर थी।
यही वह स्क्रीन शॉट है जिसमें भारत की GDP 4 ट्रिलियन डॉलर के पार निकलने का दावा किया गया है।
GDP क्या है?
- GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है।
- GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रेजेंट करती है।
- इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है।
- जब इकोनॉमी हेल्दी होती है, तो आमतौर पर बेरोजगारी का लेवल कम होता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो रेट थे, उस हिसाब से कैलकुलेशन। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।
GDP की घट-बढ़ के लिए जिम्मेदार कौन है?
GDP को घटाने या बढ़ाने के लिए चार इम्पॉर्टेंट इंजन होते हैं। पहला है, आप और हम। आप जितना खर्च करते हैं, वो हमारी इकोनॉमी में योगदान देता है। दूसरा है, प्राइवेट सेक्टर की बिजनेस ग्रोथ। ये GDP में 32% योगदान देती है। तीसरा है, सरकारी खर्च।
इसका मतलब है गुड्स और सर्विसेस प्रोड्यूस करने में सरकार कितना खर्च कर रही है। इसका GDP में 11% योगदान है। और चौथा है, नोट डिमांड। इसके लिए भारत के कुल एक्सपोर्ट को कुल इम्पोर्ट से घटाया जाता है, क्योंकि भारत में एक्सपोर्ट के मुकाबले इम्पोर्ट ज्यादा है, इसलिए इसका इम्पैक्ट GPD पर निगेटिव ही पड़ता है।